Indian Economy: 2014 से पहले क्या थी इकोनॉमी की हालत, अब कैसी है; श्वेत पत्र से समझाएगी मोदी सरकार
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Indian Economy: 2014 से पहले क्या थी इकोनॉमी की हालत, अब कैसी है; श्वेत पत्र से समझाएगी मोदी सरकार

Modi Govt Vs Manmohan Singh Govt: सीतारमण ने कहा, 'सरकार इकोनॉमी के बारे में सदन के पटल पर श्‍वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं. इस श्‍वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है.'

Indian Economy: 2014 से पहले क्या थी इकोनॉमी की हालत, अब कैसी है; श्वेत पत्र से समझाएगी मोदी सरकार

NDA Vs UPA: मोदी सरकार 2014 से पहले इकोनॉमी के मिसमैनेजमेंट को लेकर एक श्वेत पत्र लाने  की तैयारी कर रही है. इसे अगले हफ्ते संसद में रखा जा सकता है. पीएम मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी. उसके पहले लगातार 10 साल यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार रही थी. मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल भी अब जल्द खत्म होने वाला है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को साल 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इस मिसमैनेजमेंट पर श्वेत पत्र लाने की जानकारी दी. 

सीतारमण ने कहा, 'सरकार इकोनॉमी के बारे में सदन के पटल पर श्‍वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं. इस श्‍वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है.' सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस श्वेत पत्र को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. 

9 फरवरी तक होगा अधिवेशन

संसद का मौजूदा सत्र लोकसभा चुनावों के पहले का अंतिम अधिवेशन है. यह अधिवेशन नौ फरवरी तक प्रस्तावित है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि साल 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद सरकार संकटों से निपटने में सफल रही और अब अर्थव्यवस्था ऑल राउंड डेवेलपमेंट के साथ हाई राइज की राह पर बढ़ रही है. 

क्या बोलीं वित्त मंत्री?

उन्होंने कहा, '2014 में अर्थव्‍यवस्‍था को स्टेज वाइज दुरुस्‍त करने और शासन प्रणाली को सही राह पर लाने की बड़ी जिम्‍मेदारी थी. समय की मांग थी कि लोगों की उम्‍मीदें जगें, निवेश लाया जाए और जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए. ऐसे समय में सरकार ने 'पहले देश' के मजबूत विश्‍वास के साथ इसे हासिल किया.'

सीतारमण ने कहा कि सरकार के कामकाज, परफॉर्मेंस और पब्लिक वेलफेयर ने लोगों का विश्वास और आशीर्वाद दिलाया है. इससे पता चलता है कि आने वाले समय में नेक इरादे, सच्‍ची लगन और लगाकर कोशिशों से विकसित भारत का लक्ष्‍य हासिल किया जा सकता है, चाहे इसके लिए कितनी भी कोशिश करने पड़े.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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