Expensive City: दिल्ली, मुंबई या हैदराबाद... किस शहर में होती है सबसे ज्यादा जेब ढीली? जान लीजिए
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Expensive City: दिल्ली, मुंबई या हैदराबाद... किस शहर में होती है सबसे ज्यादा जेब ढीली? जान लीजिए

Expensive City in India: नाइट फ्रैंक इंडिया रिपोर्ट में सबसे महंगा शहर मुंबई को बताया गया है. इतना ही नहीं बल्कि यहां की लाइफस्टाइल पर पड़ने वाला खर्च भी बाकी शहरों की अपेक्षा काफी ज्यादा है. अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में हैदराबाद को देश का दूसरा सबसे मंहगा शहर घोषित किया गया.

 

फाइल फोटो

Most Expensive City: नाइट फ्रैंक इंडिया ने भारत के शहरों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की, जिसे नाइट फ्रैंक अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स नाम दिया गया. इस रिपोर्ट के जरिए नाइट फ्रैंक ने यह बताने की कोशिश की है कि भारत का कौन-सा शहर सबसे मंहगा है? आपको जानकर हैरानी होगी कि रहने के लिहाज से अहमदाबाद सबसे किफायती शहर है. आपको बता दें कि नाइट फ्रैंक ने इस रिपोर्ट को तैयार करने में शहर के लोगों द्वारा लिए गए होमलोन (Home Loan) को शामिल किया है. इसमें यह देखा गया कि वह होम लोन की कितनी ईएमआई (EMI) चुका रहा है. इस EMI को फिर उस शहर के परिवार के एवरेज इनकम से डिवाइड कर फाइनल रिजल्ट दिया गया.

इस रिपोर्ट में सबसे महंगा शहर मुंबई को बताया गया है. इतना ही नहीं बल्कि यहां की लाइफस्टाइल पर पड़ने वाला खर्च भी बाकी शहरों की अपेक्षा काफी ज्यादा है. अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में हैदराबाद को देश का दूसरा सबसे मंहगा शहर घोषित किया गया. दोनों शहर रहने के लिहाज से काफी महंगे हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया कि मुंबई में होमलोन (Home Loan In Mumbai) के लिए एक व्यक्ति औसतन अपने आय का करीब 55 फीसदी पैसा ईएमआई (EMI) में चुका देता है.

वहीं, हैदराबाद में आय के अनुपात का 31 फीसदी पैसा होमलोन की ईएमआई में जाता है. लिस्ट में तीसरा नंबर राजधानी दिल्ली (Delhi Home Loan) का आता है. जहां पर आय का 30 फीसदी खर्च होमलोन की ईएमआई पर होता है. वहीं 28 फीसदी के साथ तमिलनाडु और बेंगलुरु इस लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं और 26 फीसदी के साथ महाराष्ट्र का पुणे लिस्ट पांचवे नंबर पर है.

आपको बता दें कि पिछले एक साल में मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली और पुणे जैसे शहरों में रहना मंहगा हो गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईएमआई से आय के अनुपात में 1 से 2 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. RBI ने बीते साल Prime Lending Rate में करीब 250 अंको का इजाफा किया था. इसके बाद कई बड़े शहरों में ईएमआई का भार औसतन 14.4% अधिक हो गया.

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