Hindu-Muslim Population in India: महाराष्ट्र में सियासत का रुख मोड़ देने वाला खुलासा हुआ है. हिंदू और मुस्लिमों की आबादी पर एक रिपोर्ट आई है, जिससे खलबली मच गई है. दावा है कि अगर ऐसी ही मुस्लिम आबादी बढ़ती रही तो आने वाले समय में हिंदुओं की संख्या में भारी गिरावट आ जाएगी.
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TISS Report on Hindus: महाराष्ट्र की सियासत में नया विस्फोट हुआ है. ये विस्फोट हुआ मुस्लिम आबादी को लेकर एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद. इसमें दावा किया गया है कि 2051 तक हिंदुओं की आबादी बहुत घट जाएगी और मुस्लिमों की जनसंख्या में रिकॉर्डतोड़ इजाफा होगा. इस रिपोर्ट पर सियासी रस्साकशी तेज हो गई है.
बंटेंगे तो कटेंगे, एक हैं तो सेफ हैं. ऐसे ही कई नारे देश की सियासी फिजा में इस वक्त खूब गूंज रहे हैं. खासतौर पर इन नारों ने महाराष्ट्र की सियासत को बदलकर रख दिया है. विधानसभा चुनाव में अब ये बहुत बड़ा मुद्दा बन चुके हैं और पूरा चुनाव अब इन्हीं नारों के ईर्द-गिर्द घूम रहा है.
महाराष्ट्र में TISS रिपोर्ट से बड़ा खुलासा
लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र में सियासत का रुख मोड़ देने वाला खुलासा हुआ है. हिंदू और मुस्लिमों की आबादी पर एक रिपोर्ट आई है, जिससे खलबली मच गई है. दावा है कि अगर ऐसी ही मुस्लिम आबादी बढ़ती रही तो आने वाले समय में हिंदुओं की संख्या में भारी गिरावट आ जाएगी.
TISS यानी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस. इस संस्था की एक रिपोर्ट ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है. TISS की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुंबई में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
घट जाएगी हिंदुओं की आबादी
यही नहीं TISS के मुताबिक 2051 तक मुंबई में हिंदू आबादी घटकर 54 प्रतिशत तक हो जाएगी. इस रिपोर्ट ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गरमा दिया है. रिपोर्ट के सामने आने के बाद बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ये रिपोर्ट पोस्ट की. स्टडी में बताया है कि मुंबई में तेजी से अप्रवासियों की घुसपैठ हो रही है. इसका एक पुराना ट्रेंड भी निकाला गया है, जिसके मुताबिक
मुंबई में 1961 में हिंदुओं की आबादी 88 फीसदी थी, जो 2011 में घटकर 66 फीसदी ही रह गई.
वहीं 1961 में मुस्लिम आबादी 8 प्रतिशत थी, जो 2011 में बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई.
इस हिसाब से 2051 तक हिंदू घटकर 54 फीसदी रह जाएंगे और मुस्लिम 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे. TISS के मुताबिक मुंबई में मुस्लिमों के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई की झुग्गियों में बढ़ती अप्रवासी आबादी की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर पर असहनीय दबाव पड़ रहा है. रिपोर्ट के आने के बाद राजनीतिक तूफान आ गया है. BJP और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया चैप्टर खुल गया है.
4 हैरतअंगेज खुलासे आए सामने
सियासत अपनी जगह है. लेकिन वास्तव में ये रिपोर्ट बेहद चिंताजनक है. रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में डार्क नेटवर्क की तरह पूरा सिस्टम काम कर रहा है. अगर ऐसा ही रहा तो मुंबई की डेमोग्राफी बदलने में देर नहीं लगेगी.
तो महाराष्ट्र में इलेक्शन है और अब आबादी पर टेंशन है. मुंबई में हिंदुओं और मुस्लिमों की जनसंख्या में TISS की जो रिपोर्ट आई है,उसमें बेहद चौंकाने वाली बातों का जिक्र है. आपको सिलसिलेवार तरीके से 4 हैरतअंगेज खुलासे बताते हैं.
पहला खुलासा ये है कि मुंबई में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है.रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये अवैध प्रवासी बॉर्डर क्रॉस करके आते हैं.
अब दूसरा खुलासा जान लीजिए. इन बांग्लादेशी घुसपैठियों को मुंबई में अवैध तरीके से बसाया जाता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ राजनीतिक पार्टियां वोटबैंक के लिए इनकी मदद करती हैं.
तीसरा खुलासा ये है कि इन बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्याओं को भारतीय नागरिक बनाया जाता है. इनके लिए नकली दस्तावेजों के आधार पर वोटर ID कार्ड बनवाने में मदद की जाती है.
और चौथा खुलासा जो TISS की रिपोर्ट में किया गया है वो ये है कि मुंबई में मोहल्ले के मोहल्ले बसाए जा रहे हैं ताकि अच्छा खासा वोट बैंक बनाया जा सके.