ब्रिटेन के लोग पहली बार दुनिया की सबसे तीखी मिर्च का स्वाद चखने जा रहे हैं. भारत में उगने वाली यह मिर्च इतनी तीखी है कि इसे खाते ही लोगों के आंख-नाक से पानी बहने लगता है.
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दीमापुर: ब्रिटेन के लोग पहली बार दुनिया की सबसे तीखी मिर्च में से एक 'राजा मिर्चा' (King Chilli) का स्वाद चखने जा रहे हैं. नागालैंड (Nagaland) में उगाई जाने वाली इस मिर्च की पहली खेप ब्रिटेन को निर्यात की गई है.
'राजा मिर्चा' (King Chilli) को नागालैंड के Peren जिले से तोड़कर गुवाहाटी भेजा गया. वहां पर उसे सरकारी निर्यात संगठन APEDA के गोदाम में पैक किया गया. इसके बाद फ्लाइट के जरिए मिर्च को लंदन भेज दिया गया. स्कोविले हीट यूनिट्स (SHUs) की ओर से दुनिया भर में उगाई जाने वाली मिर्चों पर सर्वे किया गया था. इसमें नागालैंड (Nagaland) की 'राजा मिर्चा' को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना गया था.
इस मिर्च को नागालैंड (Nagaland) में भूत जोलोकिया (Bhoot Jolokia) या Ghost Pepper भी कहा जाता है. इसकी इस खासियत की वजह से वर्ष 2008 में उसे GI सर्टिफिकेशन प्रदान किया गया था.
दुनिया की सबसे तीखी मिर्च 'राजा मिर्चा' (King Chilli) को देश के बाहर पहचान दिलाने के लिए APEDA ने काफी मेहनत की है. उसने नागालैंड के स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड (NSAMB) के साथ मिलकर इस संबंध में काम शुरू किया. जिसकी वजह से पहली बार देश से बाहर इस मिर्च के निर्यात का मार्ग साफ हुआ.
APEDA ने NSAMB के साथ मिलकर इस मिर्च के सैंपल इस साल जुलाई में लैब में जांच के लिए भेजे. उसमें पता चला कि यह मिर्च पूरी तरह ऑर्गेनिक विधि से उगाई गई है और इसमें किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
'राजा मिर्चा' (King Chilli) का पहली बार निर्यात होने से नागालैंड (Nagaland) सरकार और इसे उगाने वाले किसान बहुत खुश हैं. हालांकि इसके साथ ही उनके सामने एक बड़ी चुनौती भी खड़ी हो गई है. दरअसल इस मिर्च को तोड़ने के बाद कम से कम समय में उसका इस्तेमाल करना होता है. ऐसा न करने पर यह खराब हो जाती है. APEDA और NSAMB इस मिर्च को सुरक्षित संग्रह करने के तरीके पर विचार कर रहे हैं.
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बताते चलें कि APEDA ने उत्तर पूर्वी राज्यों में उगाने जाने वाले फल-सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस साल कई कदम उठाए हैं. APEDA ने इस साल त्रिपुरा में उगाए जाने वाले कटहल को ब्रिटेन और जर्मनी में निर्यात करवाया. वहीं असम में उगाए जाने वाले नींबू को ब्रिटेन और लाल चावल को अमेरिका निर्यात करवाया. इसके साथ ही असम में उगाए जाने वाले बर्मीज अंगूर Leteku को दुबई एक्सपोर्ट करवाया.
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