Jharkhand: गांव का नाम था इतना आपत्तिजनक कि बोलने में आती थी शर्म, अब जाकर हुआ ये बदलाव
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Jharkhand: गांव का नाम था इतना आपत्तिजनक कि बोलने में आती थी शर्म, अब जाकर हुआ ये बदलाव

Jharkhand Name Change News: झारखंड के देवघर जिले के एक गांव का नाम ऐसा था कि वहां के निवासियों को उसका जिक्र करने तक में शर्म आती थी. सरकारी दस्तावेजों में नया नामकरण करने के लिए ग्राम सभा के जरिए आवाज उठाई गई और काफी संघर्ष के बाद यहां के लोगों को आखिरकार कामयाबी मिल ही गई.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत के कई राज्यों के कुछ गांव और शहरों के नाम ऐसे हैं जिनके बारे में सुनकर या पढ़कर अपने आप लोगों की हंसी छूट जाती है. इस सीरीज में हमने हाल ही में आपको देश के फनी रेलवे स्टेशनों (Funny Railway Station's) का नाम और उनसे जुड़ी जानकारी बताई थी. मजेदार नामों से इतर अब बताते हैं कुछ ऐसे नामों के बारे में जिनकी वजह से वहां के निवासियों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता था. 

  1. झारखंड में आपत्तिजनक नाम
  2. नाम सुनकर होती थी शर्मिंदगी
  3. लोग हंसकर उड़ाते थे मजाक

इन राज्यों से उठी आवाज

ऐसे नाम वाले राज्यों में राजस्थान (Rajasthan), हरियाणा (Haryana), महाराष्ट्र (Maharashta) और झारखंड (Jharkhand) का नाम लिया जा सकता है जहां के लोगों ने अपने इलाके का नाम बदलने के लिए आवाज उठाई कुछ लोग कामयाब  हुए तो कुछ लोग अभी भी अपना पता यानी इलाके का नाम बदलवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.   

यहां पर बात  झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) जिले के मोहनपुर प्रखंड की बंका पंचायत स्थित एक गांव की जिसका नाम ऐसा था कि आज की इंटरनेट वाले जमाने की हाईटेक पीढ़ी के लड़के-लड़कियों को स्कूल और कॉलेज में अपने गांव का नाम बताने में शर्म आती थी. दरअसल इस गांव का नाम Bh...di था, जिस वजह से छात्र-छात्राएं अपने शिक्षण संस्थान समेत अपने दोस्तों को गांव का नाम नहीं बता पाते थे. 

मजाक उड़ने का डर

यहां रहने वालों को हमेशा इस बात की फिक्र रहती थी कि कैसे भी उनके गांव का नाम बदलवाया जाए. अब चूंकि गांव का नाम बताने पर मजाक भी उड़ाया जाता था इसलिए उन्होंने आवाज उठाई. जाति प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र और इनकम प्रूफ जैसे सर्टिफिकेट में देवघर के इस गांव का नाम देख लोग हंसने लगते थे. सालों से चलती आ रही इस परेशानी को दूर करने के लिए युवाओं ने कमर कसी और पंचायत का सहारा लेकर कामयाबी हासिल की.

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यूं बदला नाम

दरअसल बंका पंचायत के ग्राम पंचायत प्रधान रंजीत कुमार यादव ने गांव के सारे सरकारी दस्तावेजों में नया नामकरण करने के लिए ग्राम सभा की बैठक बुलाई. जिसमें सर्वसम्मति से गांव का पुराना नाम बदलकर नया नाम मसूरिया रखने का प्रस्ताव पारित हुआ. इसके बाद सभी सरकारी दफ्तरों और दस्तावेजों में खास तौर पर मसूरिया के नाम से गांव की इंट्री कराई गई. कई महीनों के संघर्ष के बाद कामयाबी मिली तो अब राजस्व विभाग की वेबसाइट में भी पुराने गांव भो.... का नाम बदलकर मसूरिया गांव के तौर पर दर्ज हो गया है.

बदलाव की कहानी 

अब इसी गांव के नाम से लोग अपनी जमीन का लगान भी जमा करते हैं. अंचल कार्यालय के राजस्व ग्राम समेत थाना व प्रखंड कार्यालय के राजस्व ग्रामों की सूची में मसूरिया का नाम दर्ज कराया गया. अब प्रखंड कार्यालय से संचालित विकास योजना भी मसूरिया के नाम से हो रहा है. छात्रों को स्कूल व कॉलेज में जमा करने के लिए जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र भी मसूरिया के नाम से जारी हो रहा है. छात्र अब अपने गांव का नाम खुलकर मसूरिया बताते हैं.

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प्रभात खबर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बंका पंचायत के प्रधान रंजीत कुमार यादव कहते हैं कि पुराने पर्चे में गांव का नाम आपत्तिजनक था. अब तो पीएम आवास योजना (PMAY) भी अब मसूरिया के नाम से आवंटित होता है. सभी प्रमाण पत्र भी अब मसूरिया गांव के नाम से जारी होने लगे हैं.

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