2000 Note Exchange: PM मोदी को नहीं पसंद थे 2000 के नोट! वापस लेने पर ऐसे खुला राज
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2000 Note Exchange: PM मोदी को नहीं पसंद थे 2000 के नोट! वापस लेने पर ऐसे खुला राज

2000 Note Circulation Ban: 2000 रुपये के नोट (2000 Rupees Note) के सर्कुलेशन से बाहर होने के बाद दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को शुरुआत से ये नोट पसंद नहीं था. आइए जानते हैं कि इस दावे की सच्चाई क्या है?

2000 Note Exchange: PM मोदी को नहीं पसंद थे 2000 के नोट! वापस लेने पर ऐसे खुला राज

2000 Note Latest News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2000 रुपये के नोट (2000 Rupees Note) वापस लेने की घोषणा कर चुका है. साल 2016 में 2000 का नोट नोटबंदी के तुरंत बाद जारी हुए थे. हालांकि, अभी 2000 के नोटों को अमान्य घोषित नहीं किया गया है. आरबीआई के निर्णय का मतलब है कि आगामी 30 सितंबर तक 2000 के नोट चलन में रहेंगे. लेकिन इसके बाद भी ये नोट सर्कुलेशन में रहेंगे या नहीं इसको लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है. इस बीच, ये खबर सामने आई है कि पीएम मोदी को 2000 के नोट पसंद नहीं थे. ये दावा ज़ी न्यूज़ से फोन पर बातचीत में पीएम के पूर्व प्रिसिंपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्र ने किया है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री को 2000 का नोट पसंद नहीं था.

क्यों सुर्कुलेशन से बाहर हुआ 2000 का नोट?

पूर्व प्रिसिंपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की सोच प्रारंभ से ही थी ये कि 2000 के नोट विशेष हालात में टेंपरेरी व्यवस्था थी. गरीबों के लिए विशेष रूप से 2000 का नोट लेन-देन के लिए व्यावहारिक नहीं है. लंबे वक्त तक 2000 के नोट को सर्कुलेशन में रखने से ब्लैक मनी को बढ़ावा मिलता, टैक्स चोरी को प्रलोभन मिलता. इसी वजह से 2000 का नोट सर्कुलेशन से बाहर करने का निर्णय जनहित में लिया गया है.

विपक्ष ने सरकार को घेरा

दूसरी तरफ, सियासी गलियारों में 2000 के नोट को प्रचलन से बाहर करने पर जबरदस्त घमासान छिड़ा है. 2000 के नोट को चलन से बाहर करने की खबर पर विपक्षी दल, सरकार पर भर-भरकर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आरोप लगा रहे हैं कि नोटबंदी के साल 2016 में गलत फैसले को छिपाने का प्रयास हो रहा है. वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2000 के नोट पर लिए गए फैसले पर सरकार को घेरा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हों या फिर AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी कई दूसरे विपक्षी दलों ने भी आरबीआई (RBI) के फैसले पर सरकार पर निशाना साधा है. 

बीजेपी ने दिया ये जवाब

गौरतलब है कि विपक्ष के सवाल हाई हुए तो बीजेपी ने भी जुबानी सुरक्षा चक्र चलाया. बीजेपी नेता सुशील मोदी कह रहे हैं कि RBI का फैसला कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक है. बीजेपी आरोप लगा रही है कि जिनके पास 2000 के नोटों का जखीरा है वही लोग शोर कर रहे हैं. RBI ऐसे फैसले पहले भी लेती रही है और विपक्ष जानबूझकर इसे मुद्दा बना रहा है क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा नहीं है.

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