पीएम मोदी का ASEAN को आमंत्रण, भारत की नई आर्थिक विकास यात्रा में शामिल हों
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पीएम मोदी का ASEAN को आमंत्रण, भारत की नई आर्थिक विकास यात्रा में शामिल हों

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान को भारत की आर्थिक विकास यात्रा का हिस्सा बनने का निमंत्रण देते हुए बुधवार को कहा कि आने वाले दिनों में भारत की व्यापार नीति व परिवेश में ‘बड़ा सुधार’ होगा और 10 सदस्यीय आसियान के साथ संपर्क से जुड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिये विशेष सुविधा का प्रस्ताव किया गया है।

पीएम मोदी का ASEAN को आमंत्रण, भारत की नई आर्थिक विकास यात्रा में शामिल हों

ने पई ताव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान को भारत की आर्थिक विकास यात्रा का हिस्सा बनने का निमंत्रण देते हुए बुधवार को कहा कि आने वाले दिनों में भारत की व्यापार नीति व परिवेश में ‘बड़ा सुधार’ होगा और 10 सदस्यीय आसियान के साथ संपर्क से जुड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिये विशेष सुविधा का प्रस्ताव किया गया है।

प्रधानमंत्री ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के साथ प्रगाढ़ संबंधों पर जोर दिया और कहा कि भारत और आसियान के बीच रिश्तों में कुछ भी तकलीफदेह नहीं है और दोनों ‘बेहतर सहयोगी’ हो सकते हैं। आसियान को भारत की नई आर्थिक विकास यात्रा का हिस्सा बनने का निमंत्रण देते हुए मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में अपना दृष्टिकोण रखा और इस बारे में विस्तार से बताया कि कैसे बिना किसी बाधा के भारत में व्यापार हो सकेगा और मौजूदा स्थिर व्यावसायिक परिवेश को बनाने के लिये अब तक जो कुछ किया गया, वह उससे आगे कैसे बढ़ना चाहता है।

प्रधानमंत्री का महत्वकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ को द्विपक्षीय बातचीत में सराहा गया और आसियान समूह से इसे समर्थन मिला। गोलमेज बैठक में हिंदी में बातचीत करते हुए मोदी ने कहा, ‘भारत में आर्थिक विकास, औद्योगीकरण तथा व्यापार के क्षेत्र में एक नये युग की शुरूआत हुई है और तेजी से विकास के रास्ते पर अग्रसर देश तथा आसियान एक-दूसरे के लिये ‘प्रमुख सहयोगी’ हो सकते हैं।

भारत की ‘लुक ईस्ट पालिसी’ के अब ‘एक्ट ईस्ट पालिसी’ बनने का जिक्र करते हुए मोदी ने आसियान नेताओं को आश्वस्त किया कि वह क्षेत्रीय संगठन के साथ भारत के रिश्तों पर निरंतर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत में हमने नई आर्थिक यात्रा शुरू की है, हम भारत में इस नये माहौल में आपको आमंत्रित करते हैं।’ आसियान की अगले साल के अंत तक एक आर्थिक समुदाय बनने की योजना है।

मोदी ने ये बातें ऐसे समय कही है जब भारत छोटी एवं मझोली अर्थव्यवस्थाएं वाले 10 देशों के इस संगठन आसियान के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे संबंधों में तकलीफदेह वाली कोई बात नहीं है। हम समान नजरिये से दुनिया में उपलब्ध अवसरों तथा चुनौतियों को देखते हैं।’ मोदी ने यह भी कहा, ‘लेकिन हमारी जो संभावनायें हैं, हम इस समय जहां हैं, उससे कहीं ज्यादा है।’

उन्होंने कहा, ‘संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिये मैं आपके सहयोग से एक विशेष सुविधा या विशेष उद्देश्यीय कंपनी स्थापित करने पर विचार कर रहा हूं जो परियोजना वित्त पोषण तथा त्वरित क्रियान्वयन को सुगम बनाएगी।’ वर्तमान में भारत-आसियान व्यापार 76 अरब डालर के आसपास है जो आसियान के कुल व्यापार का केवल 3 प्रतिशत है। दोनों पक्षों ने 2015 तक द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत और आसियान दोनों ही क्षेत्र में संतुलन, शांति और स्थायित्व बढ़ाने में और ज्यादा सहयोग करने को उत्सुक हैं। तीन देशों म्यांमा, आस्ट्रेलिया और फिजी की दस दिन की यात्रा के दूसरे दिन आज मोदी ने म्यांमा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में कहा, ‘मेरी सरकार छह महीने से सत्ता में है और जिस तेजी से हमने पूर्व के साथ संबंधों को मजबूत बनाया है, वह उस इस बात को प्रतिबिंबित करता है कि हमने क्षेत्र को कितनी प्राथमिकता दी है।’

मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि भारत और आसियान, व्यापार में सुधार तथा उसे सबके लिये फायदेमंद बनाने के लिये भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा करें। आसियान में 10 देश ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड तथा वियतनाम हैं।

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