Vijayendra Saraswati: मोदी बगल में बैठे सुन रहे थे, स्वामी जी ने बता दिया NDA का अलग फुल फॉर्म
Religion and politics : धर्म और राजनीति के बीच संबंध राजनीतिक दर्शन का महत्वपूर्ण विषय है. भारत में आदिकाल से धर्म और राजनीति सहगामी रहे हैं. समाजवादी चिंतक राममनोहर लोहिया ने धर्म और राजनीति को एक ही बताते हुए कहा था- ‘राजनीति अल्पकालिक धर्म है और धर्म दीर्घकालिक राजनीति. धर्म का काम है शुभ की स्थापना और अच्छाइयों की ओर प्रेरित करना.`
Vijayendra Saraswati Kanchi Kamakoti Peeth: कहा जाता है कि धर्म हो या समाज हो या फिर सियासत, अनुशासन का पालन जरूरी होता है. अनुशासन वह सामान्य शिष्टाचार है, जिसे सभी को फॉलो करना चाहिए. अनुशासन के दम पर कोई भी काम या चीज 'सोने पर सुहागा' हो जाती है. पर क्या हमारे नेता 'अनुशासन' पर चलते हैं? 'सेवा के लिए सत्ता' या 'स्वयं के लिए सत्ता' परस्पर विपरीत बाते हैं. सियासत से जुड़े लोगों के अलावा जब कोई बड़ी हस्ती सुशासन और अनुशासन की प्रेरणा या उदाहरण देते हैं तब उस पर देशव्यापी बहस छिड़ जाती है.
यहां ये भूमिका इसलिए क्योंकि कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य ने एक अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर धर्म और राजनीति में अंतर्निहित संबंध की व्याख्या कर दी.
शंकराचार्य ने बताया एनडीए का नया मतलब
प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उनके लिए देश सबसे बड़ा है. बकौल मोदी, 'विचारधारा अपनी जगह लेकिन पार्टी कोई भी हो उसे अपने एजेंडे में देश को प्राथमिकता देनी चाहिए'. वहीं बीजेपी के अन्य नेता भी केंद्र और अपनी-अपनी राज्य सरकारों को 'राम राज्य' के रास्ते पर चलाने का दावा करते हैं. हालांकि रामराज में सब सुखी थे और रामराज में भी अनुशाषन था. बीजेपी नेता तो एनडीए शाषित राज्य सरकारों को भी सुशाषन और राम राज की अवधारणा पर चलने वाली सरकार बताते हैं.
एनडीए मतलब नरेंद्र दामोदरदास का अनुशाषन
कांची कामकोटि पीठम के विजयेंद्र सरस्वती ने कहा, 'एनडीए- नरेंद्र दामोदरदास जी का अनुशासन है. उनकी सरकार हमारे सभी लोगों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है और प्रधानमंत्री मोदी पर भगवान का आशीर्वाद है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने जब वाराणसी में आरजे शंकर नेत्र अस्पताल का उद्घाटन किया. वहां कांची कामकोटि पीठम के जगद्गुरु श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल ने मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा, 'हमारे बीच प्रधानमंत्री मोदी जैसे अच्छे नेता होना ईश्वर का आशीर्वाद है और ईश्वर प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से कई बेहतरीन काम करा रहे हैं.'
पहले भी खूब हुई ऐसे सवालों पर चर्चा
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर भगवान की विशेष कृपा है? मोदी कभी छुट्टी नहीं लेते. पीएम मोदी को लगातार 'देशहित' में काम करने की प्रेरणा और शक्ति कहां से मिलती है? प्रधानमंत्री की इक्छाशक्ति प्रबल है. उनका व्यक्तित्व विराट है. वो शिव के उपासक हैं या शक्ति के?
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वो कैसे हैं और कैसे नहीं है? ऐसे कई सवालों पर अक्सर खूब चर्चा होती रहती है. जैसे देश में सात वार में नौ त्योहार होते हैं, वैसे भारत में चुनावी सीजन बना रहता है. हरियाणा-जम्मू-कश्मीर के चुनाव खत्म हुए ही थे कि महाराष्ट्र-झारखंड के साथ विधानसभा उपचुनावों की रणभेरी बज गई. 'एनडीए' और 'इंडिया' अलायंस के महामुकाबले के बीच शंकराचार्य ने जैसे ही NDA का नया मतलब बताया, उनका बयान सुर्खियों में आ गया.
राजनीति में नेता अपनी कॉलर को दूसरों से ज्यादा सफेद और बेदाग दिखाने की परंपरा है. दल कोई भी हो वो अपने लोगों की बड़ी गलती छिपाने और दूसरों की छोटी गलती को भी राई का पहाड़ बनाकर पेश करते हैं. ऐसे में अगर सब लोग अनुशाषन पर चलने लगें तो देश में बड़ा बदलाव आ सकता है.