अगर हिम्मत हो तो 'मर्द' बनकर चुनाव लड़ो.., संजय राउत पर क्यों भड़क गए नितेश राणे?
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अगर हिम्मत हो तो 'मर्द' बनकर चुनाव लड़ो.., संजय राउत पर क्यों भड़क गए नितेश राणे?

Nitesh Rane: भाजपा विधायक और पार्टी के कणकवली सीट से उम्मीदवार नितेश राणे ने शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत को ललकारा है. उन्हें 'मर्द' बनकर चुनावी समर में खुद को आजमाने की चुनौती दी है.

अगर हिम्मत हो तो 'मर्द' बनकर चुनाव लड़ो.., संजय राउत पर क्यों भड़क गए नितेश राणे?

Phone tapping Case: भाजपा विधायक और पार्टी के कणकवली सीट से उम्मीदवार नितेश राणे ने शिवसेना-यूबीटी नेता संजय राउत को ललकारा है. उन्हें 'मर्द' बनकर चुनावी समर में खुद को आजमाने की चुनौती दी है. राणे ने एक वीडियो संदेश जारी कर नाराजगी जाहिर की है. डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर दिए विवादास्पद बयान पर संजय राउत को नसीहत दी है. अपने संदेश में राणे ने कहा, चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत संजय राजाराम राउत पर चरितार्थ होती है. महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला पर टिप्पणी की. रश्मि शुक्ला की वजह से महाअघाड़ी वालों की नींद उड़ गई है. आखिर कुछ किया नहीं है तो डर क्यों रहे हैं. ऐसे कोई फायदा नहीं होना है.

रश्मि शुक्ला को सचिन वाजे न समझें
भाजपा विधायक ने दावा किया कि महायुति सरकार फिर से बनेगी. आगे बोले, रश्मि शुक्ला को क्या सचिन वाजे (मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट इंस्पेक्टर) समझ रखा है. महाविकास अघाड़ी में हिम्मत है तो मर्द बनकर लड़ो. 23 नवंबर को फिर एक बार महायुति सरकार भारी बहुमत से चुनकर सत्ता में आने वाली है.

क्या है फोन टैपिंग मामला?
दरअसल, संजय राउत ने पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को लेकर बेहद संगीन आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि डीजीपी शुक्ला भाजपा के इशारे पर काम कर रही हैं. उन्होंने फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए कहा, "राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला के बारे में बहुत ही गंभीर आरोप हैं. 2019 में जब हमारी सरकार बन रही थी तो यह पुलिस महासंचालक (डीजीपी) जो सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रही थीं हम सबके (उद्धव ठाकरे, शरद पवार, नाना पटोले ) फोन टैप कर रही थीं हम क्या करने जा रहे हैं उस बारे में देवेंद्र फडणवीस को पूरी जानकारी दे रही थीं."

संजय राउत ने पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला पर लगाया गंभीर आरोप
फिर उन्होंने चुनाव आयोग पर भी अपनी भड़ास निकाली. आगे बोले, ऐसी व्यक्ति आज पुलिस महानिदेशक हैं. क्या आप उनसे निष्पक्ष चुनाव करवाने की अपेक्षा कर सकते हैं? हमने कहा है कि उनके हाथों में चुनाव की बागडोर नहीं देनी चाहिए तब चुनाव आयोग कहता है कि उन्हें इसका (ट्रांसफर का) अधिकार नहीं है. ऐसा कैसे हो सकता है? उसी समय झारखंड के डीजी को बदल दिया गया, वो उनके अधिकार में है? महाराष्ट्र का चुनाव पुलिस दबाव तंत्र के ऊपर चल रहा है." इनपुट आईएएनएस से

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