8 कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद आपरेशन शिल्ड के 15 दिन की मेहनत से दिलशाद गार्डन में पिछले दस दिन से कोई केस नहीं आया, अब भी 15 हजार लोगों पर रोज नजर रख रही दिल्ली सरकार.
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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के आपरेशन शिल्ड को पहली बार दिलशाद गार्डन एरिया में अपनाया गया था. यहां 8 कोरोना (Coronavirus) पोजेटिव केस आने के बाद दिल्ली सरकार ने यह आपरेशन चलाया था. इस आपरेशन के तहत 15 दिन की मेहनत से इस क्षेत्र को कोरोना मुक्त किया जा सका. अब दस दिन से यहां कोई कोरोना के केस सामने नहीं आया है.
दरअसल, दिलशाद गार्डन की रहने वाली एक महिला और उसके बेटे में सउदी अरब से लौटने पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. महिला का इलाज करने वाले मोहल्ला क्लीनिक डाक्टर समेत 7 कोरोना पीड़ित हो गए. इसके बाद दिल्ली सरकार ने दिलशाद गार्डर और पुरानी सीमापुरी एरिया को पूरी तरह से कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया. महिला के 81 कांटैक्ट को चिंहित किया गया. उनका इलाज और क्वारंटाईन किया गया.
महिला के बेटे के कांट्रेक्ट को निकालने के लिए दिल्ली सरकार के सीसीटीवी कैमरे का सहारा लिया गया. फिर दिलशाद गार्डन और ओल्ड सीलमपुर में 123 मेडिकल टीमों का गठन किया गया. इन टीमों ने 4032 घरों में रहने वाले 15 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की, जिनमें कोरोना के लक्षण मिले, उन्हें क्वारेंटाइन किया गया. मेडिकल टीम की मेहनत और लगन रंग लाई और अब वहां एक भी कोरोना के मरीज सामने नहीं आ रहा है. फिर भी दिल्ली सरकार लगातार 15 हजार लोगों को फोन कर कोरोना के संबंध में जानकारी ले रही हैं. इस क्षेत्र पर लगातार नजर है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि दिलशाद गार्डन क्षेत्र में सउदी अरब से आई महिला के संपर्क में आकर 7 लोगों के कोरोना पोजेटिव पाए जाने के बाद उसे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कोरोना के फैलने का डर था. जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सबसे पहले दिलशाद गार्डन में ही ऑपरेशन शिल्ड चलाया गया. 15 हजारों लोगों का डाटा लेकर उसपर मेडिकल टीम ने काम किया. हजारों लोगों को क्वारंटाईन किया गया. काफी लोगों के कोरोना टेस्ट हुए। हेल्थ विभाग की टीम की रात-दिन की मेहनत और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों और प्लान से अब इस क्षेत्र को कोरोना मुक्त कर लिया गया है.
शाहदरा के डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस अधिकारी डॉ. एसके नायक ने बताया कि दिल्ली के दिलशाद गार्डन में रहने वाला एक व्यक्ति सउदी अरब में रहता है. कुछ दिन पहले उसकी पत्नी अपने बेटे को लेकर उससे मिलने सउदी अरब गई थी. वह महिला बेटे के साथ 10 मार्च 2020 को सउदी अरब से वापस लौटी. उन्होंने बताया कि दो दिन बाद 12 मार्च 2020 को महिला को बुखार और खांसी की शिकायत हुई. वह इसे सामान्य मान कर पुरानी सीमापुरी स्थित एक मोहल्ला क्लीनिक में दवा लेने गई.
दवा से महिला को कोई आराम नहीं मिला. इसके तीन दिन बाद 15 मार्च को वह जांच कराने के लिए दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में गई. जीटीबी ने महिला में कोरोना का लक्षण पाया और उसे आरएमएल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जांच के बाद 17 मार्च 2020 को महिला में कोरोना की पुष्टि हुई. इस बीच महिला के कांटेक्ट का पता किया गया तो वह 81 लोगों से मिल चुकी थी, जिसमें मोहल्ला क्लीनिक के डाक्टर भी थें। डाक्टर, उनके परिवार समेत कांटेक्ट के 7 लोग कोरोना पोजेटिव मिले.
डॉ. एसके नायक ने बताया कि महिला में कोरोना की पुष्टि होने के बाद पूछताछ की गई, जिसके बाद पता चला कि उसके साथ उसका बेटा भी गया था. बेटे से पूछताछ की गई कि इन दिनों में वह कहां-कहां गए और किन-किन लोगों से मिले. डॉ. एसके नायक ने बताया कि महिला ने जांच में सहयोग किया, लेकिन उसका बेटा नहीं बताया कि वह इस दौरान कहा-कहां गया और किन लोगों से मिला. इसके बाद दिल्ली सरकार द्वारा जगह-जगह लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई. सीसीटीवी फुटेज में महिला और उसका बेटा जिन-जिन लोगों से मिला, उन सभी लोगों को चिंहित करते हुए उन्हें क्वारेंटाइन किया गया।
डॉ. एसके नायक ने बताया कि सउदी अरब से आई महिला और उसके बेटे को कोरोना होने की पुष्टि के बाद पूरे दिलशाद गार्डन में इसके फैलने का खतरा बढ़ गया था. लिहाजा, दिल्ली सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए 123 मेडिकल टीमों का गठन किया. साथ ही शहादरा के जिलाधिकारी से मिलकर ऑपरेशन शिल्ड चलाने का निर्णय लिया. इसके बाद पुलिस से भी संपर्क कर सहयोग लिया गया और दिलशाद गार्डन व पुरानी सीमापुरी इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया. दोनों एरिया में लोगों को बाहर से अंदर और अंदर से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी गई. पुरानी सीमापुरी को इसलिए सील किया गया, क्योंकि महिला के संपर्क में आने से मोहल्ला क्लीनिक का डॉक्टर भी कोरोना से पीड़ित हो गया था.
डॉ. एसके नायक ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई 123 मेडिकल टीमों को 50-50 घरों की स्क्रीनिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके लिए एक प्रोफार्मा तैयार किया गया, जिसकी मदद से प्रत्येक व्यक्ति से कोरोना संबंधित किसी भी तरह के लक्षण या किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने आदि का विवरण तैयार किया गया. इस स्क्रीनिंग के दौरान जिन में भी कोरोना के लक्षण की आशंका हुई या लक्षण मिले, उन सभी लोगों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया. 123 मेडिकल टीमों ने दिलशाद गार्डन और पुरानी सीमापुरी के 4032 घरों की स्क्रीनिंग की और इन घरों में रहने वाले 15 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की. जिनको भी कोई परेशानी थी, उसे तत्काल एंबुलेंस से आर एम एल अस्पताल भेज दिया जाता था.
डॉ. एसके नायक का कहना है कि 15 से अधिक दिनों की लगातार मेहनत और लगन का परिणाम सकारात्मक निकला है. एक-एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग के बाद अब दिलशाद गार्डन और पुरानी सीमापुरी में एक भी कोरोना के नए मरीज सामने नहीं आ रहे हैं. इसके बाद भी मेडिकल टीमें अभी शांति नहीं बैठी हैं। सभी टीमें आवंटित घरों में रहने वाले लोगों के लगातार संपर्क में हैं. सभी टीमें लोगों से प्रतिदिन फोन कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रही हैं और कोरोना के लक्षण होने पर तत्काल बताने की अपील कर रही हैं, ताकि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के साथ ही उनके संपर्क में आने लोगों को क्वारेंटाइन किया जा सके.