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2 cases of Norovirus in Kerala: कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के खतरे के बीच भारत में एक नए वायरस ने दस्तक दी है और केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में नोरो वायरस के 2 मामले सामने आए हैं. हालांकि नोरो वायरस से संक्रमित दोनों बच्चों की हालत स्थिर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है. इसके साथ ही प्रशासन ने बचाव के लिए जरूरी कार्रवाई तेज कर दी है और लोगों के सैंपल लेकर टेस्टिंग की जा रही है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने बताया, 'केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के विझिंजम इलाके में नोरोवायरस के 2 मामलों की पुष्टि हुई है. चिंता की कोई जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति का आकलन किया है. क्षेत्र से सैंपल लेकर टेस्टिंग की गई है और बचाव के लिए जरूरी कार्रवाई तेज कर दी गई है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि संक्रमित पाए गए दोनों 2 बच्चों की हालत स्थिर है.
2 cases of Norovirus confirmed in Vizhinjam; no need for concern. Health Dept has assessed the situation; samples have been collected & tested from the area & preventive actions have been intensified. Condition of the 2 children stable: Kerala Health Min Veena George
(File Pic) pic.twitter.com/m1rk8xijbJ
— ANI (@ANI) June 6, 2022
नोरो वायरस (Norovirus) पशुओं के जरिए इंसानों में फैलने वाला एक वायरस है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है. यह वायरस दूषित जगहों के संपर्क में आने या दूषित भोजन लेने की वजह से किसी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है. इसके अलावा यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में भी फैल सकता है. इतना ही नहीं एक व्यक्ति कई बार नोरो वायरस से संक्रमित हो सकता है, क्योंकि इसके कई अलग-अलग प्रकार हैं.
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नोरो वायरस (Norovirus) किसी भी इंसान के पेट पर अटैक करता है और पेट में पहुंचने के साथ ही आंतों की परत में सूजन का कारण बनता है. संक्रमित व्यक्ति में आमतौर पर दस्त, उल्टी, पेट दर्द और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसके अलावा संक्रमित मरीज में बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द भी देखने को मिलता है. आमतौर पर यह वायरस सभी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले लकता है, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और पहसे से किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति में ज्यादा गंभीर हो सकता है. वायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे बाद इसके लक्षण विकसित होते हैं, जबकि समय पर इलाज शुरू हो जाए तो संक्रमित व्यक्ति 3 दिनों के अंदर ठीक भी हो सकता है.
शुरुआती जांच में अब तक नोरो वायरस (Norovirus) को जानलेवा नहीं पाया गया है, लेकिन अभी तक इसके इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है. इसलिए बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है. संक्रमित मरीज को डॉक्टर खूब पानी और तरल पदार्थ लेने की सलाह देते हैं. इसका खतरा रोजाना जानवरों के संपर्क में आने वाले लोगों को सबसे ज्यादा है. ऐसे लोगों को बचकर रहने की जरूरत है. डॉक्टर नोरो वायरस से बचाव के लिए साबुन और गुनगुने पानी से हाथों को अच्छी तरह धोने की सलाह दे रहे हैं. इसके अलावा फ्रेश खाना खाएं और अगर बीमार महसूस कर रहे हैं तो घर पर ही रहें. नोरोवायरस सेनेटाइजर से भी नहीं मरता, इसलिए सेनेटाइजर से हाथ साथ करने से फायदा नहीं होगा.
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