Phone Tapping Case: संजय पांडे को बड़ा झटका, 9 दिनों तक रहना होगा ED की हिरासत में
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Phone Tapping Case: संजय पांडे को बड़ा झटका, 9 दिनों तक रहना होगा ED की हिरासत में

NSE Phone Tapping Case: अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पांडे को नौ दिनों की हिरासत में भेज दिया. रामकृष्ण पहले से ही ईडी की हिरासत में हैं.

Phone Tapping Case: संजय पांडे को बड़ा झटका, 9 दिनों तक रहना होगा ED की हिरासत में

NSE Phone Tapping Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बुधवार को एनएसई फोन टैपिंग मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे की नौ दिनों की हिरासत की अनुमति मिल गई. 2009 और 2017 के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के कर्मचारियों के फोन टैपिंग से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामले के संबंध में ईडी ने राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत के समक्ष हिरासत की मांग की थी. आरोप लगाए गए हैं कि एनएसई की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण के निर्देश पर फोन टैपिंग की गई थी.

संजय पांडे पर गंभीर आरोप

मंगलवार को गिरफ्तार किए गए पांडे को यहां राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तर्क दिया है कि पांडे को रामकृष्ण की मदद के लिए कॉल टैप करने के लिए 4.54 करोड़ रुपये मिले थे. ईडी ने तर्क दिया, 'पांडे ने इसमें आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया. हालांकि वह फर्म में निदेशक नहीं थे, मगर वह हर बैठक की अध्यक्षता करते थे. हमारे पास इस संबंध में सबूत हैं. वह पर्दे के पीछे से पूरी फर्म को नियंत्रित कर रहे थे.'

पांडे ने अपने बचाव में क्या कहा?

पांडे ने अपने बचाव में कहा कि पूरा मामला कुछ और नहीं बल्कि 'राजनीति से प्रेरित' है. उन्होंने कहा कि जब वह सेवा में थे, तो वह 'कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए फिट थे, जबकि अब उनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं'. उन्होंने तर्क दिया, 'कॉल का विश्लेषण और निगरानी करने के लिए, हमने फोन टैप किए. फोन लाइनों को टैप करने के लिए, सभी मशीनें एनएसई द्वारा उपलब्ध कराई गईं. मैंने कभी भी किसी मशीन का अवैध रूप से उपयोग नहीं किया.'

रहेंगे 9 दिन की हिरासत में

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पांडे को नौ दिनों की हिरासत में भेज दिया. रामकृष्ण पहले से ही ईडी की हिरासत में हैं. ईडी अब रामकृष्ण का पांडे से सामना कराएगी और दोनों के आमने-सामने सवाल-जबाव के दौरान अधिकारी दोनों व्यक्तियों के बयान दर्ज करेंगे. ईडी का मामला सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जांच एजेंसी ने मामला दर्ज किया था. इससे पहले सीबीआई ने इस सिलसिले में पांडे का बयान दर्ज किया था. उनका बयान सीबीआई के मुंबई स्थित मुख्यालय में दर्ज किया गया था. पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया.

सीबीआई ने भी की थी छापेमारी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस सिलसिले में मुंबई, पुणे और देश के कई अन्य हिस्सों में भी छापेमारी की थी. एक सूत्र ने कहा, 'यह आरोप लगाया गया है कि आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, जो पांडे द्वारा संचालित एक कंपनी थी, का इस्तेमाल रामकृष्ण ने एनएसई कर्मचारियों के फोन टैप करने के लिए किया था. एनएसई के कर्मचारियों द्वारा सुबह 9 से 10 बजे के बीच किए गए फोन कॉल को आईसेक सिक्योरिटीज द्वारा टेप और रिकॉर्ड किया गया था. पांडे ने कथित तौर पर अवैध रूप से फोन कॉल टैप करने में मदद की थी.' ईडी को अब पांडे की कस्टडी रिमांड मिल गई है और उनके सामने सबूत पेश करते हुए सवाल किए जाएंगे.

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(एजेंसी इनपुट)

 

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