Nurses and Doctors fight in AIIMS: एम्स में नर्सों और रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच हुए झगड़े के बाद अब नर्सिंग यूनियन ने हड़ताल खत्म कर दी है.
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Nurses and Doctors fight in AIIMS: देश का सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान AIIMS (All india institute of medical science) यानी एम्स इन दिनों जंग का मैदान बना हुआ है. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर और एम्स नर्सिंग यूनियन के बीच जंग होने के बाद अब इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. कई सर्जरी ठप्प हुईं. लेकिन अब अच्छी खबर यह है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद नर्सिंग यूनियन की हड़ताल खत्म हो गई है. हालांकि इस पूरे मामले में मरीजों को नुकसान हुआ.
दरअसल शुक्रवार को एम्स नर्सिंग यूनियन के प्रेसीडेंट हरीश काजला और एम्स के एक रेजिडेंट डॉक्टर के बीच झगड़ा हो गया. ऑपरेशन थिएटर में नर्सिंग कर्मियों के मौजूद ना होने की वजह से सर्जरी लेट हो रही थी जिस वजह से रेजिडेंट डॉक्टरों और नर्सिंग यूनियन प्रेसिडेंट हरीश काजला के बीच झगड़ा हुआ. इस झगड़े का वीडियो भी वायरल हुआ.
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर यूनियन ने इस बारे में एम्स प्रशासन को चिट्ठी लिखी और कार्रवाई की मांग की. हालांकि कोई समाधान नहीं निकला और नर्सिंग यूनियन के कई कर्मचारियों ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद एम्स प्रशासन ने नर्सिंग यूनियन के प्रेसीडेंट को निलंबित कर दिया और चार अन्य कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया.
इस एक्शन के बाद मंगलवार को नर्सिंग यूनियन हड़ताल पर चला गया और हरीश काजला का निलंबन वापस लेने तक काम पर वापस ना लौटने का फैसला कर लिया. इस मामले में एम्स निदेशक डॉ रंदीप गुलेरिया ने हस्तक्षेप किया है. उन्होंने नर्सिंग यूनियन के कुछ कर्मचारियों के रवैये को गलत बताया है और नर्सों से काम पर वापस लौटने की अपील की.
हालांकि इस पूरे बवाल का नतीजा ये हुआ है कि एम्स में महीनों के इंतजार के बाद जिन मरीजों को सर्जरी की तारीख मिली थी उनका जीवन अधर में लटक गया है. चार दिन से चल रहे बवाल के बीच तकरीबन 80 सर्जरी रद्द हो चुकी हैं. जिसके कारण अब कतार में रहने वाले मरीजों का इंतजार बढ़ सकता है.
एम्स निदेशक ने वीडियो अपील जारी की थी. जिसमें कहा गया, 'कुछ दिन पहले बिना किसी नोटिस और जानकारी के एम्स नर्स यूनियन के कर्मचारी OT कॉम्पलेक्स में घुस आए और सर्जरी रोक दीं. कई मरीजों ने रात से कुछ नहीं खाया था क्योंकि सुबह उनका ऑपरेशन होना था. किडनी फेलियर के एक मरीज को आपरेशन थिएटर से वॉर्ड में वापस भेजना पड़ा. इसी तरह कई ऐसे बच्चे थे जिन्होंने पिछली रात से कुछ नहीं खाया था और उन्हें कई हफ्तों पहले सर्जरी के लिए तारीख मिली थी. लेकिन नर्स यूनियन के कर्मचारियों के बर्ताव की वजह से सर्जरी नहीं हो पाई. यूनियन के कई लोगों ने डॉक्टरों के साथ झगड़ा किया और बदतमीजी की. नर्स का काम सेवा का होता है लेकिन नर्स यूनियन के लोगों ने कई लोगों की जान को खतरे में डाल दिया. ये बिल्कुल भी सही नहीं है. हालांकि नर्सिंग स्टाफ के कई लोग हड़ताल नहीं करना चाहते. मैं उनसे अपील करता हूं कि काम पर वापस आएं.'
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आखिरकार मरीजों की तकलीफ और AIIMS के कामों में रुकावट को देखते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मरीजों का ख्याल रखते हुए नर्सों से काम पर वापस लौटने को कहा है. जिसके बाद अब यह हड़ताल खत्म कर दी गई है.
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