कांग्रेस की भी जरूरत नहीं, NC को मिला 'चौका', उमर चुने गए विधायक दल के नेता
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कांग्रेस की भी जरूरत नहीं, NC को मिला 'चौका', उमर चुने गए विधायक दल के नेता

Jammu-Kashmir News: नेशनल कांफ्रेंस के नवनिर्वाचित विधायकों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अपना नेता चुनने के लिए पार्टी के मुख्यालय नवा-ए-सुबह में बैठक की. विधायक दल का नेता ही संभवत: मुख्यमंत्री होगा.

कांग्रेस की भी जरूरत नहीं, NC को मिला 'चौका', उमर चुने गए विधायक दल के नेता

Jammu-Kashmir Omar Abdullah: जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजों में नेशनल कॉन्फ्रेंस की शानदार जीत के बाद आगे की तैयारियां शुरू हो गई हैं. गुरुवार को पार्टी ने सर्वसम्मति से उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुन लिया है. पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई, जिसमे उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से दल का नेता चुना गया.' उन्होंने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया को लेकर आगे बढ़ने के लिए शुक्रवार को चुनाव पूर्व गठबंधन के साझेदारों की बैठक होगी.

चुनावों में बजा एनसी का डंका

 इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के नवनिर्वाचित विधायकों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अपना नेता चुनने के लिए पार्टी के मुख्यालय नवा-ए-सुबह में बैठक की. विधायक दल का नेता ही संभवत: मुख्यमंत्री होगा. नेशनल कांफ्रेंस ने हाल में संपन्न चुनाव में 42 जबकि उसके गठबंधन साझेदारों कांग्रेस ने छह और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक सीट जीती है. इस तरह 95 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ है. विधायकों की बैठक पार्टी के अध्यक्ष और उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला ने बुलाई थी.

4 निर्दलीय एनसी में शामिल

इस बीच 4 निर्दलीय उम्मीदवारों ने गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस जॉइन कर ली. अब उसके पास 46 विधायक हो गए हैं, जो बहुमत का आंकड़ा है. यानी अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस चाहे तो वह अपने दम पर सरकार बना सकती है. लेकिन एनसी ने कहा कि कांग्रेस के साथ उसका गठबंधन जारी रहेगा. जो निर्दलीय विधायक एनसी में शामिल हुए हैं वे हैं- प्यारेलाल, सतीश शर्मा, चौधरी अकरम सुरनकोटे और रामेश्वर सिंह.

'लोग 370 को खत्म करने के पक्ष में नहीं'

इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा था कि विधानसभा चुनाव के नतीजे साबित करते हैं कि जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर लोग पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के पक्ष में नहीं हैं. उमर ने कहा, 'यह (जनादेश) स्पष्ट रूप से उस फैसले के पक्ष में नहीं है. अगर ऐसा होता, तो भाजपा जीत जाती. जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर लोगों ने पांच अगस्त 2019 के कदम का समर्थन नहीं किया है. यह एक सच्चाई है. हमसे परामर्श नहीं किया गया और हम उस फैसला का हिस्सा नहीं थे. लेकिन अब हम आगे बढ़ेंगे और देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं.' 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी पार्टी अपने राजनीतिक एजेंडे से पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा था, 'नेशनल कॉन्फ्रेंस का राजनीतिक एजेंडा या विचारधारा चुनाव दर चुनाव नहीं बदलती है. हम अपने राजनीतिक एजेंडे के प्रति प्रतिबद्ध हैं. हम यह मानते हैं कि विलय के समय जम्मू-कश्मीर से जो वादा किया गया था, वह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है.' 

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