मणिपुरः दो और युवतियों के साथ हुई थी दरिंदगी, भीड़ ने बेरहमी से उतारा था मौत के घाट
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मणिपुरः दो और युवतियों के साथ हुई थी दरिंदगी, भीड़ ने बेरहमी से उतारा था मौत के घाट

Manipur Violence: हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर से महिलाओं के साथ दरिंदगी और अत्याचार की एक और भयावह घटना सामने आई है. इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि इन दो युवतियों को भी इसलिए मार दिया गया क्योंकि वे कुकी आदिवासी समूह से वास्ता रखती थीं.

मणिपुरः दो और युवतियों के साथ हुई थी दरिंदगी, भीड़ ने बेरहमी से उतारा था मौत के घाट

Manipur Violence: हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर से महिलाओं के साथ दरिंदगी और अत्याचार की एक और भयावह घटना सामने आई है. इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि इन दो युवतियों को भी इसलिए मार दिया गया क्योंकि वे कुकी आदिवासी समूह से वास्ता रखती थीं. आरोप है कि इस घटना को लेकर पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई और फिर दो युवतियां भीड़ के दरिंदगी का शिकार हुईं. उनका वीडियो वायरल होने के बाद मणिपुर में हिंसा फिर भड़क गई.

महिलाओं को नग्न कर घुमाने की घटना के स्थल से 40 किलोमीटर दूर इंफाल के कोनुंग ममांग में इस घटना को अंजाम दिया गया था. 21 और 24 साल की उम्र की लड़कियों को भीड़ ने निशाना बनाया था. ये लड़कियां कार धोने का काम करती थीं. कथित तौर पर इन दो लड़कियों पर कुछ महिलाओं के साथ पुरुषों के एक बड़े समूह द्वारा हमला किया गया था.

इस घटना को देखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि भीड़ में शामिल महिलाओं ने पुरुषों को पीड़ितों को एक कमरे के अंदर ले जाने और उनका यौन उत्पीड़न करने के लिए प्रोत्साहित किया. दोनों लड़कियों को कमरे में खींच लिया गया, लाइटें बंद कर दी गईं और उन्हें चिल्लाने से रोकने के लिए कपड़ों से मुंह बांध दिया गया.

लगभग डेढ़ घंटे तक इस भयावह दरिंदगी को सहने के बाद, पीड़ितों को बाहर खींच लिया गया और आसपास के एक चीरघर के बगल में फेंक दिया गया. उनके कपड़े फटे हुए थे, उनके बाल कटे हुए थे और उनका शरीर खून से लथपथ था.

यौन उत्पीड़न से जुड़े कलंक के डर के कारण शुरू में पीड़ितों की पहचान रिपोर्ट नहीं की गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित लड़कियों में से एक की मां ने 16 मई को सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करने का साहस जुटाया.

एफआईआर में कहा गया था कि उनकी बेटी और दूसरी युवती की बलात्कार और भीषण यातना के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई. बाद में इस मामले को इंफाल पूर्वी जिले के पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया.पुलिस की शिकायत में कहा गया है कि उनके शव अभी तक बरामद नहीं हुए हैं, और उनके ठिकाने का भी आज तक पता नहीं चला है. हमलावरों की संख्या लगभग 100-200 बताई गई है.

पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मणिपुर पुलिस वर्तमान में हथियार लूटने, आगजनी, हत्या और महिलाओं पर हमले सहित विभिन्न अपराधों से संबंधित हजारों शिकायतों की जांच कर रही है. दो कार्यकर्ताओं और नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन की शिकायत में इन घटनाओं के बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग को भी सूचित किया गया है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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