Rituraj Awasthi: हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी इस समय लॉ कमीशन के चेयरमैन हैं. वे भी इस बैठक में शामिल हैं. हालांकि लॉ कमीशन कोई संवैधानिक संस्था नहीं है. लेकिन यह जानना जरूरी है कि एक देश चुनाव की रूप रेखा में लॉ कमीशन और ऋतुराज अवस्थी की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है.
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One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन यानि कि एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक्शन में है. सरकार ने पहले ही इसको लेकर कमेटी का गठन कर दिया है. अब पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में इस कमेटी की एक और बैठक बुधवार को नई दिल्ली में हो रही है. इसमें कमेटी के सदस्यों समेत लॉ कमीशन के चेयरमैन ऋतुराज अवस्थी भी मौजूद हैं. कमेटी के सुझावों में लॉ कमीशन की भूमिका अहम है क्योंकि पहले ही लॉ कमीशन ने एक देश एक चुनाव को लेकर कानून मंत्रालय और केंद्र सरकार को कई सुझाव दिए हैं. एक देश एक चुनाव पर मौजूदा केंद्र सरकार पिछले काफी समय से बहस चाह रही है लेकिन इसे जल्द से जल्द लागू करने में तकनीकी और संवैधानिक चुनौतियां से लॉ कमीशन ने सरकार को अवगत कराया है.
लॉ कमीशन का रोल
दरअसल, लॉ कमीशन कोई संवैधानिक संस्था नहीं है. यह कार्यपालिका का हिस्सा है जो कानून मंत्रालय को मदद करता है. यह भारत सरकार का एक अंग है. इसका गठन भारत सरकार के ही आदेश से होता है और यह मंत्रालय के को परामर्श देता है. हालांकि आयोग का प्रमुख कार्य कानूनी सुधारों की सिफारिश करना है. यह कई विषयों पर अध्ययन और रिसर्च करता है और सरकार को कानूनों में संशोधन या नए कानून बनाने के लिए सिफारिशें भी करता है. आयोग के सदस्य मुख्यतः कानून के क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं. इसमें न्यायाधीश/पूर्व न्यायाधीश, वकील, विधिवेत्ता और अन्य संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं. इस समय हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी लॉ कमीशन के चेयरमैन हैं.
वन नेशन वन इलेक्शन पर सुझाव
एक देश एक चुनाव पर लॉ कमीशन पहले ही कई सुझाव दे चुका है. कमेटी की बैठकों में भी उन पर चर्चा होती रही है. अब इस बैठक में भी ऋतुराज अवस्थी एक देश एक चुनाव को लागू करने में आने वाली तकनीकी अड़चनों से अवगत कराएंगे. यह भी बताया जा रहा है कि इस बैठक में लॉ कमीशन कमेटी को रोडमैप शेयर कर सकता है, जिसमें एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर विचार शामिल होंगे. चूंकि सरकार पहले ही इसको लेकर काफी गंभीर है. चुनाव आयोग से भी लॉ कमीशन इस बारे में फीडबैक ले चुका है. उस फीडबैक को भी कमेटी के सामने रखा जाएगा. ऋतुराज अवस्थी पहले ही साफ कर चुके हैं कि एक देश में एक चुनाव कराने से पहले सरकार को संविधान में कुछ अहम बदलाव करने होंगे. इसलिए यह प्रक्रिया इतनी भी आसान नहीं होने वाली है.
एक देश एक चुनाव की स्पेशल बैठक
मालूम हो कि एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने कमेटी गठित की हुई है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर को बनी इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं. इस कमेटी की दूसरी बैठक बुधवार को नई दिल्ली में हो रही है. बैठक में लॉ कमीशन का रोडमैप काफी महत्वपूर्ण होगा. संसद से किए जाने वाले संविधान संशोधन और इसके बाद पारित होने वाली प्रक्रियाओं पर भी चर्चा होगी. इसके बाद चुनाव आयोग की भूमिका पर भी बात की जा सकती है. फिलहाल निगाहें इस बैठक पर टिकी हुई हैं.
कौन हैं ऋतुराज अवस्थी?
ऋतुराज अवस्थी हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं. उन्होंने 1986 में लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और 1987 में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने भारत के सहायक सॉलीसीटर जनरल के रूप में भी कार्य किया. 2009 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और 2010 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में प्रमोट किया गया था. ऋतुराज अवस्थी अक्टूबर 2021 से जुलाई 2022 तक कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं. वे उस समय चर्चा में आए थे जब कर्नाटक हिजाब मामले में उन्हें फैसला सुनाने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी. उन्हें एक लेटर के जरिए धमकी दी गई थी. बाद में उन्हें लॉ कमीशन का चेयरमैन बनाया गया था .