पेशा- नाई, संपत्ति- करोड़ों में, उपलब्धि- 350 कारों का कलेक्‍शन
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पेशा- नाई, संपत्ति- करोड़ों में, उपलब्धि- 350 कारों का कलेक्‍शन

देशभर में नाईयों के काम और उनके हालात को देखकर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि वो कम से कम अरबपति तो नहीं होगा। लेकिन कर्नाटक में एक ऐसा नाई भी रहता है जो बाल काटने के लिए सिर्फ 150 रुपये लेता है लेकिन उसके पास रॉल्स रॉयस जैसी 3 करोड़ वाली कार के साथ-साथ 350 से भी ज्यादा कारें हैं। कारों के इन कलेक्‍शन में 120 से अधिक लग्जरी कारें हैं और वे देश के तमाम अरबपतियों में से एक है।

फोटो सौजन्‍य: यू-ट्यूब वीडियो ग्रैब

बेंगलुरु : देशभर में नाईयों के काम और उनके हालात को देखकर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि वो कम से कम अरबपति तो नहीं होगा। लेकिन कर्नाटक में एक ऐसा नाई भी रहता है जो बाल काटने के लिए सिर्फ 150 रुपये लेता है लेकिन उसके पास रॉल्स रॉयस जैसी 3 करोड़ वाली कार के साथ-साथ 350 से भी ज्यादा कारें हैं। कारों के इन कलेक्‍शन में 120 से अधिक लग्जरी कारें हैं और वे देश के तमाम अरबपतियों में से एक है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बेंगलुरु में रहने वाले रमेश बाबू एक ऐसे नाई है जो 3 करोड़ की रोल्स रॉयस कार में बैठकर अपने सैलून तक आते हैं। वे देश के अरबपतियों में से एक हैं। उनके सैलून में बाल काटने के नार्मल चार्जेज ही लगते हैं। रमेश बाबू की जिंदगी की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।

दरअसल, बेंगलुरु के रहने वाले रमेश बाबू नाई के काम के साथ-साथ अपनी कारों को रेंट पर भी देने का काम करते हैं। उनकी एक ट्रेवल कंपनी है जो आज के दिन में अच्‍छा खासा व्‍यवसाय करती है। इस कंपनी से उन्‍हें काफी मुनाफा होता है। वह मर्सिडीज, बीएमडब्लयू जैसी कारों को किराये पर देते हैं। रमेश बाबू ने अपनी जिंदगी की शुरुआत घरों में अखबार बेचकर की। 1989 में पिता के निधन के बाद सैलून का सारा काम उनके चाचा देखते थे। सैलून ही उनके परिवार की आय का मुख्य जरिया था। सैलून पर काम करने के दौरान उन्‍होंने खुद की कार रखने का सपना देखना शुरू कर दिया। रमेश ने 18 साल की उम्र में सैलून की सारी जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले ली।

सैलून में काम करने के बाद उनके पास इतने पैसे जमा हो गए कि उन्होंने एक मारुति ओमनी खरीदी और उसको किराए पर देना शुरू कर दिया। वक्त बीतता गया और धीरे-धीरे उनके पास 350 से अधिक कारें हो गईं। जिसमें रोल्स रॉयस, मर्सिडिस और बीएमडब्ल्यू जैसी गाडिय़ां शामिल हैं। रमेश का कार को किराये पर देना का सबसे कम दाम 1000 रुपये प्रतिदिन है और 50000 हजार रुपये सबसे ज्यादा है।

एक सफल बिजनेसमैन होने के बावजूद रमेश को आज भी अपने बाल काटने के काम से बेहद लगाव है। वह आज भी अपनी तीन करोड़ की कार पर बैठकर लोगों के बाल काटने अपने सैलून पर जाते हैं। उनके ग्राहकों में कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं।

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