इंटरनेट और Mobile App के जरिए युवाओं की भर्ती कर रहे आतंकी संगठन, घाटी में Army की सख्ती से बदली रणनीति
Advertisement
trendingNow1820952

इंटरनेट और Mobile App के जरिए युवाओं की भर्ती कर रहे आतंकी संगठन, घाटी में Army की सख्ती से बदली रणनीति

हाल ही में सरेंडर करने वाले आतंकियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध लिंक्स के जरिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई. दोनों अपने स्थानीय आका से सिर्फ एक बार मिले थे. जम्मू-कश्मीर में सेना की सख्ती के चलते आतंकी संगठन हथियारों की भारी कमी से भी जूझ रहे हैं.

 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) की घेराबंदी से पाकिस्तानी आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं. सेना ने इन संगठनों की जड़ों पर चोट पहुंचाई है, जिस वजह से उनके लिए आतंकियों की भर्ती करना भी मुश्किल हो गया है. इसलिए अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठनों ने एक नया तरीका निकाला है. आतंकी संगठन (Terrorist Organisation) अब इंटरनेट और मोबाइल ऐप के जरिए युवाओं की भर्ती कर रहे हैं.

  1. इंटेलिजेंस रिपोर्ट में हुआ खुलासा 
  2. सरेंडर करने वाले आतंकियों ने भी खोले कई राज 
  3. ऑनलाइन दी जा रही है ट्रेंनिंग
  4.  
  5.  

Fake Video दिखा रहे

इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना की सख्ती के चलते आतंकी संगठनों के लिए सामान्य रूप से युवाओं की भर्ती करना मुश्किल हो गया है. इसलिए वो टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं. युवाओं को भड़काने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) में बैठे ISI के हैंडलर्स उन्हें फर्जी वीडियो दिखा रहे हैं. इन वीडियो से उन्हें ये बताया जा रहा है कि सुरक्षा बल इलाके के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं. 

ये भी पढ़ें -ज्‍योतिषी की भविष्यवाणी ‘इस साल गर्दिश में रह सकते हैं Imran Khan के सितारे’, बिलावल-मरियम छीन सकते हैं सत्ता

पिछले साल हुई बड़ी कार्रवाई

इससे पहले आतंकी संगठन युवाओं से फिजिकली संपर्क करते थे. जब से सुरक्षा बलों ने पहरा सख्त किया है, तब से उनके लिए ऐसा करना संभव नहीं रहा है. इसलिए उन्होंने भर्ती का अपना तरीका बदल लिया है. ISI और आतंकी संगठन अब ऑनलाइन युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने 2020 में 24 से ज्यादा आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था और 40 से ज्यादा आतंकी समर्थकों को गिरफ्तार भी किया था.

बड़े पैमाने पर हो रही भर्ती 

हाल ही में सरेंडर करने वाले आतंकी तवर वाघे और आमिर अहमद मीर ने पूछताछ में आतंकी संगठन से जुड़ने के तरीके के बारे में जानकारी दी है. इससे साफ हो गया है कि जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर साइबर रिक्रूटमेंट किया जा रहा है. दोनों आतंकी फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के एक हैंडलर के संपर्क में आए थे, जिसने उन्हें भर्ती होने के लिए राजी किया. इसके बाद उन्हें खालिद और मोहम्मद अब्बास शेख नामक आतंकियों के हवाले किया गया. 

YouTube जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल

सरेंडर करने वाले आतंकियों ने बताया कि दोनों को यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध लिंक्स के जरिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई. दोनों अपने स्थानीय आका से सिर्फ एक बार दक्षिण कश्मीर के शोपियां में मिले थे. सुरक्षा एजेंसियों ने स्थानीय निवासियों से मिले इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर घाटी में पाकिस्तानी एजेंसी ISI के स्लीपर सेल्स का भी भंडाफोड़ किया है. करीब 40 ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए आतंकी सीमा पार से निर्देशों का इंतजार कर रहे थे.

हथियारों की कमी से जूझ रहे

अधिकारियों के मुताबिक, सेना की सख्ती के चलते आतंकी संगठन हथियारों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि पाकिस्तान में बैठे उनके आका अब ज्यादा से ज्यादा हथियार सीमा पार भेजने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सेना ने बड़े पैमाने पर आतंकियों गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सफलता हासिल की है. अब तक कई आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है. इसके अलावा, आतंकियों की फंडिंग और उन्हें सहायता पहुंचाने वाले भी सेना के रडार पर हैं.  

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news