NIA की FIR में पाकिस्तान की ड्रोन साजिश का खुलासा, ISI के बारे में पहली बार कही गई ये बात
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NIA की FIR में पाकिस्तान की ड्रोन साजिश का खुलासा, ISI के बारे में पहली बार कही गई ये बात

ISI Conspiracy: एनआईए की एफआईआर (FIR) में ड्रोन से की जा रही पाकिस्तानी साजिश का कच्चा चिट्टा मौजूद है, जिसने जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.

NIA की FIR में पाकिस्तान की ड्रोन साजिश का खुलासा, ISI के बारे में पहली बार कही गई ये बात

Conspiracy against India at behest of ISI: पीओके (PoK) और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के इशारे पर भारत का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए ड्रोन के जरिए हथियार और गोला बारूद की सप्लाई की जा रही है. इस बात का खुलासा जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए के एफआईआर से हुआ है, जिसकी कॉपी Zee News के पास मौजूद है.

एफआईआर ने बढ़ाई जांच एजेंसियों की चिंता

एफआईआर (FIR) में ड्रोन से की जा रही पाकिस्तानी साजिश का कच्चा चिट्टा मौजूद है, जिसने जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. इस एफआईआर में पहली बार साफ तौर पर आईएसआई के बारे में लिखा गया है कि आईएसआई (ISI) के इशारे पर आतंकी संगठन भारत का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में एनआईए (NIA) द्वारा की गई छापेमारी के दौरान यह भी पता लगा है कि हथियारों की खेप टीआरएफ जैसे प्रॉक्सी आतंकी संगठनों को भेजा जा रहा है, ताकि वह घाटी में खौफ का खेल चला सकें. 

29 मई को दर्ज की गई थी एफआईआर

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के राजबाग में यह एफआईआर 29 मई को दर्ज हुआ था. राजबाग थाने  में दर्ज एफआईआर की कॉपी Zee News के पास एक्सक्लूसिव है. पुलिस की लिखी तहरीर के मुताबिक 29 मई की सुबह 6.30 से 7 बजे के बीच गश्त कर रही पुलिस और स्थानीय लोगों ने आसमान में कुछ आवाज सुनी. पुलिस पार्टी ने देखा कि ड्रोन की तरह की कोई वस्तु पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमा में आ रही है.

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ड्रोन के साथ बरामद हुए थे ये गोला-बारूद

पुलिस टीम ने ड्रोन पर 13-14 राउंड फायर किए और गोलियों से ड्रोन खुले मैदान में गिर गया. नजदीक जाने पर ड्रोन के साथ पेलोड जोड़ा देख पुलिस चौंक गई. पेलोड से 7 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL) और 7 स्टिकी/मैग्नेटिक बम बरामद हुए थे.  पुलिस की इस एफआईआर में यह भी साफ तौर पर दर्ज है कि भारतीय सीमा में ड्रोन से गोला बारूद भेजने का काम पीओके और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी और आतंकी संगठन आईएसआई (ISI) के पूर्ण मार्गदर्शन, कमांड और कंट्रोल में कर रहे हैं। एफआईआर में लिखा गया कि यह मामला विशेष प्रकृति का है जो इस गांव का पहला, हथियार ड्रोन का दूसरा और विशेष प्रकृति का 28वां मामला है.

एक्शन में एनआईए की टीम

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) शुरू होने से तुरंत पहले हुए इस मामले ने केंद्र के कान भी खड़े कर दिए. मामला इतना गंभीर निकला कि केंद्र ने 29 जुलाई को एनआईए को मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया. Zee News के पास मौजूद यह एक्सक्लूसिव एफआईआर एनआईए (NIA) द्वारा 30 जुलाई को दर्ज की गई थी. इस एफआईआर की जांच और स्थानीय पुलिस से मिली जानकारी के बाद एनआईए ने इस सिलसिले में 18 अगस्त को श्रीनगर, जम्मू, सांबा और डोडा में 8 जगहों पर छापेमारी भी की. इस छापेमारी में एनआईए को कई डिजिटल डिवाइस, कागजात आदि बरामद हुए.

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टीआरएफ के मॉडयूल को ड्रोन से हथियार सप्लाई

एनआईए की जांच में पता लगा है कि टीआरएफ के एक मॉडयूल को पाकिस्तानी सीमा से ड्रोन से हथियार सप्लाई किया जाता है. लश्कर ए तैयबा (Lashkar-e-Taiba) जैसे संगठन के पाकिस्तान में बैठे लोगों के संपर्क में यह मॉडयूल रहता है. प्रॉक्सी आतंकी संगठनों को ड्रोन से सांबा सेक्टर के नजदीक भारतीय सीमा पर हथियार, गोला बारूद और अन्य आतंकी सामान भेजा जा रहा है, ताकि ये वहां रह रहे अल्पसंख्यकों और सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले कर सकें.

29 मई को मिले ड्रोन से हथियार की खेप जम्मू के फैसल मुनीर नाम के शख्स को पहुंचनी थी. फैसल को बाद में इन हथियारों को घाटी में फैले टीआरएफ के आतंकियों के पास पहुंचाना था. जम्मू काश्मीर पुलिस फैसल को गिरफ्तार कर चुकी है. इस साल जम्मू काश्मीर में अब तक ड्रोन से हथियारों की खेप भेजने के करीब दो दर्जन मामले सामने आए हैं.  इसी तरह के हथियारों की खेप लिए एक ड्रोन को 22 मई के दिन बीएसएफ ने गिराया था. पिछले साल 27 जून को टीआरएफ जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ट्विन ड्रोन अटैक को अंजाम दे चुका है.

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