महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के लिए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) की चिट्ठी नई मुसीबत लेकर आई है. पहले से कोरोना प्रबंधन को लेकर सवालों का सामना कर रही उद्धव सरकार के गृह मंत्री पर 100 करोड़ की घूस के आरोप के बाद अब विपक्ष हमलावर है.
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के लिए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी नई मुसीबत लेकर आई है. पहले से कोरोना प्रबंधन को लेकर सवालों का सामना कर रही उद्धव सरकार के गृह मंत्री पर 100 करोड़ की घूस के आरोप के बाद अब विपक्ष हमलावर है. बीजेपी लगातार गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का इस्तीफा मांग रही है. वहीं बीजेपी के सहयोगी रामदास अठावले ने तो सूबे में राष्ट्रपति शासन की मांग कर डाली है.
सवालों से घिरी शिवसेना और सरकार के बचाव में पार्टी प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) रोज नई दलीलें दे रहे हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार का बचाव किया और विपक्ष पर पलटवार भी किया. राउत ने कहा कि महाविकास अघाडी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है और कोई उसका बाल भी बाका नहीं कर सकता. राउत ने इस बात पर भी जोर दिया कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक है और कहीं कोई मनमुटाव नहीं है.
सूबे में राष्ट्रपति शासन के सवाल पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश की जा रही है तो मैं चेतावनी देता हूं, जो आग लगाएंगे, वही उस आग में झुलस जाएंगे. देशमुख के इस्तीफे पर राउत ने कहा कि मामले की जांच हो रही है, ऐसे में इस्तीफे की बात कहां से आती है, इस मामले में आखिरी फैसला मुख्यमंत्री को लेना है.
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राउत ने कहा कि कोई भी किसी पर कुछ भी आरोप लगा सकता है, लेकिन अगर इस तरह से किसी मंत्री का इस्तीफा लिया जाएगा तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा. हमारी सरकार जांच के लिए तैयार है, ऐसे में इतनी जल्दी इस्तीफे का सवाल ही कहां उठता है.
महाराष्ट्र के मौजूदा संकट पर एनसीपी के बाद कांग्रेस में भी मंथन का दौरा जारी है. गठबंधन सरकार में साझीदार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक की और विवाद के बाद जन्मे सियासी हालात की समीक्षा की. इस बैठक में अशोक चव्हाण, बाला साहेब थोराट और केएच पाटिल जैसे नेता शामिल हुए. बीते दिन शरद पवार की अगुवाई में एनसीपी के बड़े नेताओं की भी एक बैठक हुई थी.
उधर, सामना के जरिए भी शिवसेना ने उद्धव सरकार का बचाव किया है. पार्टी के मुखपत्र में परमबीर की चिट्ठी के पीछे किसी राजनीतिक साजिश होने का आरोप लगाया गया है. उसमें लिखा है, 'आज परमबीर सिंह विरोधियों की 'डार्लिंग' बन गए हैं. परमबीर के कंधे पर बन्दूक रखकर सरकार पर निशाना साधा जा रहा है, महाविकास अघाडी सरकार के पास आज भी अच्छा बहुमत है, बहुमत पर हावी होने की कोशिश करोगे तो आग लगेगी, ये चेतावनी ना होकर वास्तविकता है.'
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बीजेपी की ओर से लगातार अनिल देशमुख के इस्तीफे पर सामना में कहा गया है कि किसी अधिकारी के कारण न सरकार बनती है और न गिरती है, बीजेपी को यह बात भूलनी चाहिए.
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