132 Year Old Tunnel: मुंबई (Mumbai) में जेजे हॉस्पिटल (JJ Hospital) में 132 साल पुरानी ब्रिटिश काल की सुरंग (British Era Tunnel) मिली है. यह सुरंग करीब 200 मीटर लंबी है. लोग हैरान हैं कि इसकी जानकारी पहले से क्यों नहीं दी? जेजे हॉस्पिटल की डीन डॉक्टर पल्लवी सपले के मुताबिक, इस सुरंग की आधारशिला पर '1890' की तारीख का जिक्र है. एक मेडिकल ऑफिसर ने पहले इसे देखा था. फिर जांच करने पर 132 साल पुरानी सुरंग के बारे में जानकारी मिली.
जेजे हॉस्पिटल की डीन डॉक्टर पल्लवी सपले ने बताया कि जिस बिल्डिंग के नीचे ईंट की दीवारों वाली सुरंग मिली है, वह महिलाओं और बच्चों के लिए तत्कालीन सर डी.एम पेटिट हॉस्पिटल था, जिसे मार्च 1892 में भायखला के अस्पताल परिसर में खोला गया था. अस्पताल परिसर में स्थित इस बिल्डिंग को बाद में नर्सिंग कॉलेज में बदल दिया गया था. हालांकि, अस्पताल परिसर में एक सुरंग की अटकलें थीं, लेकिन इसका पता लगाने के लिए कोई आधिकारिक रिकॉर्ड या मैप नहीं था.
मुंबई के जेजे हॉस्पिटल के डॉक्टर अरुण राठौड़ ने नर्सिंग कॉलेज की दीवार के पास एक छेद मिला, और जब उसने वहां जाकर देखा तो सुरंग के बारे में जानकारी मिली. पूर्व महिला और बच्चों के वार्डों को जोड़ने के लिए सुरंग का निर्माण कथित तौर पर किया गया होगा, हालांकि सटीक जानकारी अभी पता नहीं हैं.
जान लें कि सर जेजे अस्पताल की नींव 3 जनवरी, 1843 को रखी गई थी, और अब मिले पत्थर पर तारीख (1890) के मुताबिक, यह दर्शाता है कि सुरंग का निर्माण बहुत बाद में किया गया होगा. हॉस्पिटल के अधिकारियों ने आगे की जांच के लिए मुंबई में कलेक्ट्रेट और पुरातत्व विभागों को खोज के सभी जानकारी देने की योजना बनाई है.
बता दें कि इससे पहले, अगस्त 2016 में, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सी.वी. राव को राजभवन परिसर के नीचे 15,000 वर्ग फुट में फैले एक विशाल भूमिगत बंकर और सुरंग मिली थी. बंकर, लगभग 110 साल से अधिक पुराना बताया गया. उसमें 13 कमरे थे, और उचित वेंटिलेशन और अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ 20 फीट ऊंचे गेट से यहां पहुंचा जा सकता था. बंकर को साफ, मजबूत और संरक्षित किया गया जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने यहां शहीद संग्रहालय का उद्घाटन किया.
हालांकि, बाद में नवंबर 2018 में, गवर्नर राव ने अरब सागर के सामने राजभवन परिसर की ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों से 22 टन वजन वाली दो विशाल ब्रिटिश-युग की युद्ध तोपों की खोज में मदद की. दो विशाल तोपों को क्रेन द्वारा उठाया गया और संरक्षित किया गया. (इनपुट- आईएएनएस)
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