भारत के पास हैं 15 चिनूक हेलिकॉप्टर
पहले ये जान लीजिए कि पहला चिनूक हेलिकॉप्टर साल 1961 में उड़ा था. इसके बाद 2012 तक पूरी दुनिया में 1200 से ज्यादा चिनूक हेलिकॉप्टरों की सप्लाई की गई. वर्तमान में भारतीय वायु सेना के पास 15 चिनूक हेलिकॉप्टर हैं.
क्या है चिनूक हेलिकॉप्टर की खासियत
740 KM रेंज वाले चिनूक हेलिकॉप्टर 3 क्रू सवार हो सकते हैं. इसकी लंबाई 98 फीट है और यह 315 KM प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भर सकता है. इसकी चौड़ाई 12.5 फीट है और इसकी ऊंचाई 18.11 फीट है.
चिनूक को लेकर भारत ने की बोईंग से बात
अब आपको बताते हैं अमेरिका द्वारा सभी चिनूको वापस बुलाना भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए चिंता का विषय है या नहीं. इस क्रम में भारतीय वायु सेना ने हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी बोईंग से बात की है और इस कदम के पीछे की वजह पूछी है.
चिनूक को लेकर अमेरिका ने क्या कहा
वजह पूछे जाने पर अमेरिका आर्मी की प्रवक्ता सिंथिया ओ स्मिथ ने बताया कि कई चिनूक हेलिकॉप्टर के HH-47 वैरिएंट में ईंधन लीक होने शिकायत आ रही थी. जिसकी वजह से इंजन में आग की छोटी घटनाएं भी सामने आने लगी थीं. हालांकि इन घटनाओं में अब तक किसी की मौत या कोई घायल नहीं हुआ है. इंधन लीक से लग रही छोटी आग के कारण ही अमेरिका ने अपने चिनूक के HH-47 वैरिएंट के सभी हेलिकॉप्टरों को वापस बुलाया है.
चिनूक को लेकर भारत की चिंता जरूरी या नहीं
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि चिनूक के HH-47 वैरिएंट सिर्फ अमेरिका के पास ही हैं. अमेरिकी सेना के अलावा इस वैरिएंट के चिनूक हेलिकॉप्टर किसी भी देश के पास नहीं है. चिनूक के दुनिया भर में एक दर्जन से ज्यादा वैरिएंट्स मौजूद हैं. वही, भारतीय वायुसेना के पास चिनूक का CH-47F वैरिएंट है. तो भारत के लिए अमेरिका का चिनूक को वापस बुला लेना किसी भी खतरे का संकेत नहीं है.
भारत में कहां तैनात हैं चिनूक हेलिकॉप्टर
भारतीय वायुसेना ने चिनूक को अपनी फ्लीट में मार्च 2019 में शामिल किया था. अमेरिका द्वारा जारी किए गए बयान के बाद भारतीय वायुसेना ने कहा है कि भारतीय चिनूक की उड़ानों को नहीं रोका गया है. बता दें कि भारतीय वायुसेना की फ्लीट चंड़ीगढ़ के एयरफोर्स बेस पर तैनात है. कुछ चिनूक हेलिकॉप्टर को लद्दाख में भी तैनात किया गया है.
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