म्यूकोमरकोसिस बहुत तेजी से फैल जाती है. इसलिए इसके लक्षण को समय पर पकड़ना होगा और उचित इलाज कराना होगा.
नई दिल्ली: अगर कोरोना से उबरने के बाद नाक बंद हो तो सावधान! ये जानलेवा बीमारी का लक्षण हो सकता है. जानकारी के मुताबिक कोरोना से उबर रहे लोगों में अब एक नई बीमारी से डॉक्टरों का सामना हो रहा है. जिनमें लोगों को आंख की रोशनी गंवानी पड़ी हैै.
सर गंगाराम अस्पताल के डॉ मनीष मुंजाल का कहना है कि कोरोना के ठीक होने के बाद अब एक नई बीमारी चुनौती बन रही है. म्यूकोमरकोसिस नाम की ये बीमारी एक तरह का फंगल इंफेक्शन है. लेकिन ये इंफेक्शन जिस हिस्से में ज्यादा देर ठहर जाए, उस हिस्से को हमेशा के लिए खराब कर देता है. खासकर आंखों को.
कोरोना की बीमारी के इलाज में जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड दवाओं के कारण कई लोगों में अलग-अलग साइड इफेक्ट्स देखने के मिल रहा हैं. लोग बाद में दिल की बीमारी के शिकार हो रहे हैं. कुछ के फेफडे बेहद खराब हो रहे हैं. लेकिन म्यूकोमरकोसिस बहुत तेजी से फैल जाती है. इसलिए इसके लक्षण को समय पर पकड़ना होगा और उचित इलाज कराना होगा. नहीं तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है.
अगर आपकी नाक बंद हो रही है, पपड़ी जम रही है, तो उसे नजरअंदाज न करे. बायोप्सी के जरिये ये शर्तिया पता लग सकता है कि ये म्यूकोमरकोसिस है या नहीं. ज्यादा देर से पता चलने पर नाक से शुरू होकर इंफेक्शन आंख में पहुंच सकता है. इससे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है. अगर आंख से ये इंफेक्शन ब्रेन तक चला जाए तो जान भी जा सकती है.
इस बीमारी के इलाज के लिए इंजेक्शन मौजूद हैं, लेकिन मरीज का समय पर अस्पताल पहुंच कर भर्ती होना बहुत जरुरी है. बता दें कि पिछले साल गंगाराम अस्पताल में 15 केस आए. इनमें से 10 लोगों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई थी.
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