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DNA: जानिए क्या है हैदराबाद के 'भाग्यनगर' की कहानी!

वर्ष 1947 में जब ब्रिटिश भारत छोड़ रहे थे, तब यहां की तीन रियासतें कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद भारत में अपना विलय नहीं चाहती थीं. उस समय आबादी और जीडीपी के हिसाब से हैदराबाद भारत की सबसे बड़ी रियासत थी. हैदराबाद (Hyderabad) की अस्सी प्रतिशत आबादी हिंदू थी.

मंदिर के नाम पर ही हैदराबाद का नाम पहले भाग्यनगर था

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मंदिर के नाम पर ही हैदराबाद का नाम पहले भाग्यनगर था

चुनाव के प्रचार के दौरान जो मुद्दे और शब्द सामने आए उनमें  चारमीनार और भाग्य लक्ष्मी मंदिर की बात करते हैं. ये मंदिर हैदराबाद की मशहूर चारमीनार के पास है. गृह मंत्री अमित शाह जब चुनाव प्रचार करने पहुंचे, तब सबसे पहले वो भाग्य लक्ष्मी मंदिर गए. ऐसी मान्यता है कि इसी मंदिर के नाम पर ही हैदराबाद का नाम पहले भाग्यनगर था.

सिर्फ़ 100 घंटों के सैन्य अभियान के बाद हैदराबाद, भारत का हिस्सा बन गया

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सिर्फ़ 100 घंटों के सैन्य अभियान के बाद हैदराबाद, भारत का हिस्सा बन गया

वर्ष 1947 में जब ब्रिटिश भारत छोड़ रहे थे, तब यहां की तीन रियासतें कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद भारत में अपना विलय नहीं चाहती थीं. उस समय आबादी और जीडीपी के हिसाब से हैदराबाद भारत की सबसे बड़ी रियासत थी. हैदराबाद की अस्सी प्रतिशत आबादी हिंदू थी. लेकिन अल्पसंख्यक मुसलमान वहां प्रशासन और सेना में महत्वपूर्ण पदों पर थे. तब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इस मसले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहते थे. लेकिन गृह मंत्री सरदार पटेल का मानना था कि हैदराबाद भारत के पेट में कैंसर के समान है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता था. सरदार पटेल ने इस अराजकता पर रोक लगाने का फैसला किया और 13 सितंबर 1948 को हैदराबाद का भारत में विलय करने के लिए  Operation Polo शुरू कर दिया गया. सिर्फ़ 100 घंटों के सैन्य अभियान के बाद ही हैदराबाद, भारत का हिस्सा बन गया.

हैदराबाद के निज़ाम का खज़ाना पूरी दुनिया में मशहूर

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हैदराबाद के निज़ाम का खज़ाना पूरी दुनिया में मशहूर

आजादी से पहले हैदराबाद के निज़ाम का खज़ाना पूरी दुनिया में मशहूर था. वर्ष 1937 में अमेरिका की टाइम मैगज़ीन के कवर पेज पर निज़ाम की तस्वीर छापी गई थी और तब उन्हें दुनिया का सबसे अमीर इंसान बताया गया था. 

हीरे को पेपर वेट की तरह इस्तेमाल करते थे निज़ाम

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हीरे को पेपर वेट की तरह इस्तेमाल करते थे निज़ाम

हैदराबाद के आख़िरी निज़ाम नवाब मीर उस्मान अली ख़ान के पास दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा जैकब डायमंड भी था. 184 कैरेट के इस हीरे की कीमत कई सौ करोड़ रुपये होने का दावा किया जाता है. लेकिन निज़ाम इस हीरे को पेपर वेट की तरह इस्तेमाल करते थे. 

Forbes ने बताया, दुनिया का सर्वकालिक 5वां सबसे धनवान व्यक्ति

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Forbes ने बताया, दुनिया का सर्वकालिक 5वां सबसे धनवान व्यक्ति

कहा जाता था कि निज़ाम के पास असली मोतियों का इतना बड़ा खज़ाना था  कि अगर उन्हें सड़क पर बिछा दें तो वो कई किलोमीटर के इलाके को घेर लेता. वर्ष 2008 में Forbes मैगजीन ने उन्हें दुनिया का सर्वकालिक पांचवां सबसे धनवान व्यक्ति बताया था. 

कुल संपत्ति 210 बिलियन डाॅलर

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कुल संपत्ति 210 बिलियन डाॅलर

Forbes ने निज़ाम की कुल संपत्ति 210 बिलियन डाॅलर यानी आज के हिसाब से साढ़े 15 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया था. जबकि आज दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति Jeff Bezos की संपत्ति 14 लाख करोड़ रुपए है और हैदराबाद की आज की जीडीपी भी निज़ाम की कुल संपत्ति का सिर्फ़ तीसरा हिस्सा है.

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