Advertisement
trendingPhotos789251
photoDetails1hindi

बिना गारंटी सरकार दे रही लोन, अब तक इतने लाख लोग कर चुके हैं अप्लाई

केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस योजना की शुरुआत की है. इसके तहत 50 लाख लोगों को लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. 

पीएम स्वनिधि योजना

1/7
पीएम स्वनिधि योजना

2 जुलाई को पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई थी. केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस योजना की शुरुआत की है. इसके तहत 50 लाख लोगों को लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. सबसे खास बात यह है कि इस योजना के तहत कर्ज लेने के लिए कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं है. 

रेहड़ी-पटरी वालों को सरकार की सौगात

2/7
रेहड़ी-पटरी वालों को सरकार की सौगात

स्वनिधि योजना के अंतर्गत 25 लाख से अधिक आवेदन प्राप्‍त हुए हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि 12 लाख आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है और लगभग 5.35 लाख के ऋण वितरित किए जा चुके हैं. 

लाखों लोगों ने किया अप्लाई

3/7
लाखों लोगों ने किया अप्लाई

उत्तर प्रदेश में 6 लाख से अधिक आवदेन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 3.27 लाख को मंजूरी दी जा चुकी है. उत्‍तर प्रदेश में स्‍वनिधि योजना के ऋण समझौते के लिए स्‍टैम्‍प शुल्‍क माफ किया गया है. 

बिना किसी गारंटी के मिल रहा लोन

4/7
बिना किसी गारंटी के मिल रहा लोन

बता दें कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपये का लोन मिलता है. लोन के लिए किसी गारंटी की भी जरूरत नहीं है. पीएम मोदी का कहना है कि इस योजना का मकसद सिर्फ कर्ज देना नहीं, बल्कि इसे रेहड़ी-पटरी वालों के समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए. 

आप भी शुरू कर सकते हैं अपना काम

5/7
आप भी शुरू कर सकते हैं अपना काम

ऐसे में अगर आप या आपका जानने वाला कोई पूंजी के अभाव में रेहड़ी-पटरी नहीं लगा पा रहा है तो बिना गारंटी आप पीएम स्वनिधि योजना के तहत 10,000 रुपये तक लोन ले सकते हैं. आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर इस योजना के तहत 10 हजार रुपये लोन लेकर करोबार शुरू कर सकते हैं. 

किस्तों में लौटाएं

6/7
किस्तों में लौटाएं

कर्ज लेने वाले को एक साल में मासिक किस्तों में इसे लौटाना होगा. कर्ज समय पर चुकाने वालों को 7 फीसदी सालाना की ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी. साथ में 1200 रुपये तक की कैशबैक की भी सुविधा है.

 

आत्मनिर्भर भारत का संकल्प

7/7
आत्मनिर्भर भारत का संकल्प

गौरतलब है कि कोरोना की सबसे ज्यादा मार दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ी थी. अनलॉक के दौर में उद्योग-धंधे फिर से शुरू तो हो गए हैं लेकिन बड़े पैमाने पर ऐसे लोग हैं, जो रेहड़ी-पटरी या फिर खोमचा लगाकर अपने परिवार का गुजारा करते थे. उनका कारोबार शुरू नहीं हो पाया है. 

 

ट्रेन्डिंग फोटोज़