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Chautala Family: इस हद तक पहुंची चौटाला परिवार की लड़ाई, पोते की सगाई में नहीं पहुंचे दादा ओमप्रकाश और ताऊ

Om Prakash Chautala के पोते दिग्विजय चौटाला की हाल में सगाई हुई. दिल्ली में हुए कार्यक्रम में कई वीआईपी शामिल हुए, लेकिन परिवार के दो बड़े चेहरे नजर नहीं आए. दिग्विजय चौटाला को आशीर्वाद देने के लिए न तो ओमप्रकाश चौटाला पहुंचे और न ही उनके बेटे अभय चौटाला.

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Haryana Politics: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पोते दिग्विजय चौटाला की हाल में सगाई हुई. दिल्ली में हुए कार्यक्रम में कई वीआईपी शामिल हुए, लेकिन परिवार के दो बड़े चेहरे नजर नहीं आए. दिग्विजय चौटाला को आशीर्वाद देने के लिए न तो ओमप्रकाश चौटाला पहुंचे और न ही उनके बेटे अभय चौटाला. चौटाला परिवार के ये दोनों अहम सदस्य कार्यक्रम में क्यों नहीं पहुंचे आइए जानते हैं. 

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ओमप्रकाश चौटाला तीन बार हरियाणा के सीएम की कुर्सी तक पहुंचे. हरियाणा के जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स भर्ती घोटाले में उन्होंने 10 साल जेल की सजा भी काटी. ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटे हैं- अजय सिंह चौटाला बड़े हैं और अभय सिंह चौटाला छोटे हैं. 

 

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अजय चौटाला की पत्नी नैना चौटाला और उनके दो बेटे हैं- दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला. वहीं अभय चौटाला के भी दो बेटे हैं. एक का नाम करण है और दूसरे का नाम अर्जुन. जब टीचर भर्ती घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला जेल में थे तो पार्टी में अभय चौटाला दूसरा पावर सेंटर बन गए थे. 

 

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पार्टी से जुड़े ज्यादातर फैसलों में अभय चौटाला का दखल था. वहीं अजय के साथ ही दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला पार्टी में कमजोर पड़ते जा रहे थे. दो नवंबर 2018 को ओमप्रकाश चौटाला ने अजय चौटाला के बेटों दुष्यंत और दिग्विजय को इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) से निकाल दिया. 14 नवंबर 2018 को अजय चौटाला की पार्टी से सदस्यता भी रद्द कर दी गई. 

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अजय चौटाला के परिवार को पार्टी से निकालने की जमीन 2018 में ही तैयार हो गई थी.  7 अक्टूबर को सोनीपत के गोहाना में आईएनएलडी की रैली में हुई थी जिसमें ओमप्रकाश चौटाला भी मौजूद थे. वह दो हफ्ते की परोल पर बाहर आए थे. इसी दौरान भीड़ में से कुछ लोगों ने अभय चौटाला के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. 

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22 अक्टूबर 2018 को जब अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत जींद आए तो बड़ा जनसमूह उनके समर्थन में था.  इसके बाद ओमप्रकाश चौटाला ने दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. यही नहीं आईएनएलडी की उस यूथ विंग को भी भंग कर दिया गया, जिसकी अगुआई दिग्विजय चौटाला कर रहे थे. दुष्यंत और दिग्विजय ने इस फैसले को खारिज करते हुए पूरे हरियाणा में जनसमर्थन जुटाना शुरू कर दिया.  अलग-अलग बैठकों में वे सवाल पूछने लगे कि पार्टी का कौन सा अनुशासन उनकी तरफ से तोड़ा गया? इन सबके बीच अभय चौटाला सफाई देते रहे कि भतीजों से कोई विरोध नहीं है और दोनों ही उनके बच्चे हैं.

 

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9 दिसंबर 2018 को दुष्यंत चौटाला ने जींद से ही जननायक जनता पार्टी के नाम से एक नए दल का ऐलान कर दिया. दुष्यंत ने इस दौरान कहा कि देवीलाल के नाम पर ही पार्टी का नाम जननायक रखा जा रहा है, क्योंकि हरियाणा में समर्थक उन्हें जननायक के नाम से भी पुकारते थे. जेजेपी ने देवीलाल के सिद्धांतों के आधार पर पार्टी की विचारधारा और सियासत आगे बढ़ाने की घोषणा की. आईएनएलडी में बिखराव के साथ ही अजय और अभय चौटाला के परिवार में दूरियां बढ़ती चली गईं. इसी का नतीजा दिग्विजय की सगाई में भी देखने को मिला. 

 

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