लाल किले में हजारों की संख्या में उपद्रवी पहुंचे थे. जिनमें से कुछ के हाथ में धार्मिक और यूनियन के झंडे थे. इन्हीं में से एक शख्स लाल किले के गुंबद पर चढ़ गया, जहां देश की आन बान और शान तिरंगा फहरता रहता है. इस चेहरों को पहचान लीजिए, इसने देश का अपमान किया है. इसको देश के अपमान की सजा मिलनी ही चाहिए.
नीले रंग का झंडा लेकर एक शख्स लाल किले की प्राचीर पर ही चढ़ गया था. लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर दंगाई मुस्कुरा रहा था. इस शख्स की पहचान होना बहुत जरूरी है क्योंकि इसने भी किसान आंदोलन की आड़ में लाल किले में चढ़ाई की और देश का अपमान किया.
लाल किले में पुलिसकर्मियों पर दंगाइयों ने बड़ा हमला किया. एक दंगाई तो तलवार ही लेकर पुलिस पर टूट पड़ा. इस शख्स और इसके साथियों ने उन पुलिसकर्मियों को घायल किया जो लाल किले पर अपना फर्ज निभा रहे थे.
इस शख्स को भी पहचान लीजिए. हाथों में तलवार लेकर बैरीकेड पर चढ़ा ये शख्स कहने को तो किसान आंदोलन का हिस्सा है, लेकिन इसकी हरकतें बता रही हैं कि इसका असली एजेंडा क्या है? ट्रैक्टर रैली को दिल्ली पुलिस की ओर से जिन शर्तों के साथ इजाजत मिली थी, उनमें एक शर्त थी हथियार नहीं लाए जाएंगे. लेकिन इसके बावजूद अगर ये तलवार लेकर पहुंचा तो इसके इरादे पहले से साफ थे.
दिल्ली के दंगाइयों को ना तो पुलिस का डर है और ना ही मीडिया के कैमरों का. इन्हें अपनी पहचान दुनिया के सामने आने का डर भी नहीं है. दिल्ली में उपद्रव के दौरान पुलिस और मीडियाकर्मियों को लाठी दिखाई गई. उससे प्रदर्शनकारियों के इरादे साफ हो गए. इन दंगाइयों की पहचान करके सजा दिलवाना भी बेहद जरूरी है.
टैक्टर से दिल्ली के अंदर घुसे इन दंगाइयों के सामने जो कुछ भी आया, उसे ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की. यहां तक कि ट्रैक्टर से बस को पलटने की कोशिश भी की गई. ट्रैक्टर पर सवार होकर बस को पलटने की कोशिश करने वाले शख्स को अगर आप पहचानते हैं तो पुलिस को इसकी खबर तुरंत दीजिए क्योंकि वह भी दिल्ली में तोड़फोड और हिंसा का दोषी है.
हद तो उस वक्त हो गई जब ट्रैक्टर पर सवार आंदोलनकारियों ने दिल्ली में पुलिस वालों को कुचलने की कोशिश करनी शुरू कर दी. एक शख्स तो ट्रैक्टर को भगाते हुए आया और पुलिस वालों को कुचलने की कोशिश करने लगा. फिर पुलिस वालों ने किसी तरह भागकर इस शख्स से अपनी जान बचाई. ये भी दिल्ली के गुनहगार हैं.
दंगाइयों ने दिल्ली पुलिस के कर्मचारी पर लाठियां चलाईं. एक दो नहीं ऐसे कई चेहरे हैं जिन्होंने दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों पर लाठी बरसाईं. पुलिस वाले शांति से खड़े थे. जाहिर सी बात है अगर हथियारों से लैस पुलिस वाले प्रतिक्रिया देते तो हालात बहुत बिगड़ जाते. पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान बेहद जरूरी है.
पुलिस पर तलवार और लाठियों के साथ पत्थर भी बरसाए गए. उस चेहरे को भी पहचानिए जो पुलिस वालों पर पथराव कर रहा है. पथराव में दिल्ली पुलिस के कई कर्मचारी घायल हुए हैं.
ऐसा नहीं कि सरकारी संपत्ति और सरकारी कर्मचारी ही दंगाइयों का निशाना बने. मीडियाकर्मी भी इन दंगाइयों का निशाना बने. इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्टिंग कर रहे Zee News संवाददाता जितेन्द्र शर्मा को भी उपद्रवियों ने घेर लिया. उनको रिपोर्टिंग करने से रोका गया. उनको भला बुरा कहा गया. मीडिया के चौथे स्तंभ के खिलाफ हमलावर इन चेहरों की पहचान भी बेहद जरूरी है. अगर आप इन दंगाइयों को पहचानते हैं तो इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंचाइए और गुनहगारों को सजा दिलवाइए.
ट्रेन्डिंग फोटोज़