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वायुसीमा लांघते ही चीन के विमानों को नष्ट कर देगा भारत, IAF ने किया Akash Missile का परीक्षण

LaC पर चीन की किसी आक्रामकता का जवाब देने के लिए भारत लगातार अपनी रक्षा और आक्रमण तैयारियों को मजबूत करने लगा है. चीनी विमानों के भारतीय वायु सीमा लांघे जाने की आशंका को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने आंध्र प्रदेश के फायरिंग रेंज में लड़ाकू जेट को मार गिराने वाली Akash Missile और Igla missile का परीक्षण किया है.

आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका टेस्ट फायरिंग रेंज में हुआ परीक्षण

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आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका टेस्ट फायरिंग रेंज में हुआ परीक्षण

आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका टेस्ट फायरिंग रेंज में पिछले हफ्ते हुए इन परीक्षणों के लिए अलग-अलग परिस्थितियां पैदा की गईं थी. इस दौरान  आकाश मिसाइलों (Akash Missile) ने लक्ष्यों पर सीधा हमलाकर मार गिराया. इन परीक्षणों के जरिए भारत ने चीन को सीधा संदेश भी दिया कि यदि आकाश लांघने की जुर्रत की तो उसका अंजाम भुगतने के लिए उसे तैयार रहना होगा. 

 

हवा में दागी गई 10 आकाश मिसाइलें

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हवा में दागी गई 10 आकाश मिसाइलें

वायु सेना अधिकारियों के मुताबिक सूर्यलंका टेस्ट फायरिंग रेंज में कंबाइंड गाइडेड वेपंस फायरिंग 2020 एक्सरसाइज की गई. इस  एक्सरसाइज में हवा में करीब 10 आकाश मिसाइलें (Akash Missile) दागीं गई. परीक्षण के दौरान अलग- अलग दिशाओं से दुश्मन के काल्पनिक जहाज बनाकर उड़ाए गए. जिन पर आकाश मिसाइलों ने सटीक निशाना लगाया. 

 

IAF ने इग्ला मिसाइलों का भी परीक्षण किया

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IAF ने इग्ला मिसाइलों का भी परीक्षण किया

इंडियन एयर फोर्स (IAF) ने एक्सरसाइज के दौरान आकाश मिसाइलों (Akash Missile) के साथ-साथ कंधे पर रखकर दागी जाने वाली इग्ला मिसाइलों Igla missile का भी परीक्षण किया. बड़ी बात यह है कि ये दोनों सिस्टम अभी वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी (LAC) के साथ-साथ दूसरे सेक्टर्स में भी लगे हुए हैं ताकि दुश्मन का कोई जहाज भारतीय वायु क्षेत्र में घुसने का प्रयास करे तो उसे तुरंत मार गिराया जा सके.

DRDO आकाश मिसाइल को कर रहा है अपग्रेड

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DRDO आकाश मिसाइल को कर रहा है अपग्रेड

बता दें कि आकाश देश में बने सफलतम वेपंस सिस्टम में एक है. इसके घातक बन जाने से देसी हथियारों से युद्ध लड़ने की भारतीय सेना की चाहत पूरी करेगी. आकाश मिसाइल (Akash Missile) को हाल ही में अपग्रेड किया गया है और इसमें search instruments लगाए जा रहे हैं ताकि लक्ष्य को ढूंढने में पहले से ज्यादा आसानी हो सके. भारत की जरूरतों के हिसाब से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) लगातार इसे आधुनिक बनाने में लगा है. 

 

अधिक ऊंचाई वाले लक्ष्यों को भेद सकेगी आकाश?

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अधिक ऊंचाई वाले लक्ष्यों को भेद सकेगी आकाश?

बीते कुछ वक्त में DRDO की ताकत को वैसे भी पूरी दुनिया ने देखा है. जहां अलग-अलग परिस्थितियों के लिए भारत को DRDO ने सशक्त  किया है फिर चाहे वो थल सेना से जुड़ी हो, वायु सेना से या फिर नौसेना से जुड़ी हो.  DRDO आकाश प्राइम मिसाइल (Akash Missile) सिस्टम के जरिए बहुत ऊंचाई वाले लक्ष्यों को भी भेदने के योग्य बनाने में जुटा है. जिससे आने वाले समय में विषम हालात में भी भारतीय सेना की ताकत के आगे हर लक्ष्य बौना लगे. 

 

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