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ऐसा पर्वत जिस पर बनी ओम की आकृति, दिन-रात आती हैं ये आवाज

यह धरती कई तरह के रहस्यों को समेटे हुई है, जिनके बारे में आज तक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं कि इनकी उत्पत्ति आखिरकार किस तरह हुई होगी. इनमें से कुछ पर्यटन लिहाज से फेमस है, तो कुछ पर्यटक और अध्यात्मिक तौर पर. आज एक ऐसे ही धार्मिक स्थल के बारे में बात करेंगे, जिसके बारे में जानकार आप हैरान रह जाएंगे.   

बर्फ से बनती आकृति

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बर्फ से बनती आकृति

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव कैलाश पर्वत पर वास करते हैं, लेकिन कैलाश जाने से पहले एक और विशेष पर्वत है. इसका नाम ओम पर्वत (ऊं पर्वत) है. इस पर भी भगवान शिव का अस्तित्व माना जाता है. यह पर्वत भारत-तिब्बत की सीमा पर मौजूद है. आश्चर्य की  बात यह है कि इस पूरे पर्वत पर प्राकृतिक तौर पर 'ऊं' की आकृति बनी हुई है. यह आकृति यहां हर साल पड़ने वाली बर्फ से बनती है. 

हिमालय पर बने हैं 8 ओम

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हिमालय पर बने हैं 8 ओम

ओम पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से 6,191 मीटर की ऊंचाई (20,312 फीट) है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हिमालय में कुल 8 जगह ओम की आकृति बनी हुई है, लेकिन अभी तक सिर्फ इसी जगह पर ऊं की खोज हुई है. 

 

ईश्वर का है चमत्कार

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ईश्वर का है चमत्कार

ओम पर्वत से कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं. लोग ऐसा मानते हैं कि पर्वत पर प्राकृतिक तौर रूप से ऊं बना होना ईश्वर का चमत्कार है. यहां आकर जहां एक तौर पर प्रकृति की सुंदर छटा देखने को मिलती हैं. वहीं, आध्यात्मिक रूप से मन की शांति मिलती है. 

 

सुनाई देती ऊं की ध्वनि

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सुनाई देती ऊं की ध्वनि

यहां यात्रियों को प्राकृतिक रूप से ऊं की ध्वनि सुनाई देती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा पर्वत पर गिरने वाली बर्फ के कारण हो सकता है. जब इस पर्वत की चोटी पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है, तो ऊं शब्द की स्वर्णिम आभा चमकने लगती है. 

 

1981 में संज्ञान में आया

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1981 में संज्ञान में आया

हालांकि, यह पर्वत सदियों से यहां पर स्थित है, लेकिन यह पर्वत जनमानस के संज्ञान 1981 में आया. बता दें कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में अभी भी कई चोटियां ऐसी हैं, जहां देवी-देवताओं का वास माना जाता है. 

 

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