उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, "इससे न सिर्फ राजस्थान में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी राजस्थान की कला, संस्कृति और वैदिक विवाह परंपराओं के बारे में जानने का मौका मिलेगा." उन्होंने बताया कि इस सीजन से ही पैलेस ऑन व्हील्स में शादियां हो सकेगी. जल्द ही इसकी बुकिंग ऑनलाइन शुरू हो जाएगी.
राजशाही सुविधाओं से लैश पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन सितंबर से अप्रैल महीने के दौरान ही चलती है. ये ट्रेन कुल मिलाकर 3,000 किलोमीटर की यात्रा में दिल्ली से पिंक सिटी जयपुर, चित्तौरगढ़, सवाई माधोपुर, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर, आगरा होते हुए फिर वापस दिल्ली आती है. इस ट्रेन की शुरूआत 1982 में हुई थी. राजस्थान सरकार ने पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन में शादी या कारपोरेट मीटिंग करने की अनुमति दे दी है. अब लोग इस रॉयल ट्रेन में शादी कर सकते हैं और अपने खास दिन को यादगार बना सकते हैं.
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि, "ट्रेन में शादी समारोह के लिए जल्द ही ऑनलाइन बुकिंग शुरू की जाएगी. कुछ दिनों में ही शादी के लिए पैकेज और तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा."
बता दें कि पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन और देखरेख राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (RTDC) करता है. पर्यटन विभाग के मुताबिक, देश की कुल ऐतिहासिक धरोहरों की 75% विरासत अकेले राजस्थान में स्थित हैं.
यही वजह है कि राजस्थान डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए देशभर के लोगों के लिए पहली पसंद बना हुआ है. राज्य में 120 से ज्यादा किले, महल और हवेलियां डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए इस्तेमाल की जाती हैं.
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