बता दें कि भारतीय रेलवे ने मुंबई-नई दिल्ली राजधानी स्पेशल एक्सप्रेस के स्लीपर कोच को तेजस ट्रेन के कोच की तरह बना दिया है. ट्रेन के कोच में यात्रियों की सेफ्टी और आराम का खास ख्याल रखा गया है. कोच में यात्रियों के लिए विश्व स्तर की सुविधाएं हैं.
राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के कोच में सुरक्षा के मद्देनजर स्पेशल व्यवस्था की गई है. हर कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो लाइव रिकॉर्डिंग करेंगे. ये कैमरे रात और दिन 24 घंटे रिकॉर्डिंग करने में सक्षम हैं. कम लाइट में भी ये सीसीटीवी कैमरे साफ रिकॉर्डिंग कर सकते हैं.
राजधानी ट्रेन के कोच में जीएसएम नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ पैसेंजर इन्फॉर्मेशन एंड कोच कम्प्यूटिंग यूनिट (PICCU) लगाया गया है. PICCU सीसीटीवी, टॉयलेट ऑडर सेंसर, पैनिक स्विच, फायर डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम, एयर क्वालिटी और एनर्जी मीटर का डेटा रिकॉर्ड करेगा.
पानी की मात्रा की रियल टाइम जानकारी के लिए कोच में वाटर लेवल सेंसर लगाए गए हैं. इसके अलावा कोच की सीट को सिलिकॉन फॉम से बनाया गया है, जिसमें फायर रेजिस्टेंस होता है. मतलब आग लगने पर कोच में वह जल्दी नहीं फैलेगी. अन्य सीटों के मुकाबले सिलिकॉन फॉम से बनी सीट पर बैठना ज्यादा आरामदायक होता है.
कोच में हर सीट के पास चार्जिंग प्वाइंट है. इसके अलावा यात्रियों के लिए रीडिंग लाइट की व्यवस्था भी की गई है. कोच को ऐसे डिजाइन किया गया है कि कोई भी आसानी से ऊपर वाली बर्थ पर चढ़ पाएगा.
राजधानी एक्सप्रेस के कोच में फायर अलार्म डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम लगा है. आग लगते ही तुरंत सूचना मिल जाएगी.
राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच में Toilet Occupancy Sensor लगाया गया है. इसके अलावा स्लीपर कोच में टॉयलेट ऑडर सेंसर भी है.
राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच में गेट ऑटोमेटिक हैं. सारे ऑटोमेटिक गेट जब तक बंद नहीं होंगे, तब तक ट्रेन नहीं चलेगी.
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