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Rudraksh Power: भगवान Shiv का रूप है ये पौधा, घर में होगा तो होंगे Miracles

नई दिल्ली: सावन (Sawan) के महीने में शिव आराधना (Shiv Puja) से जुड़े विषयों की भरपूर चर्चा हो रही है. ऐसे में आपने भी रुद्राक्ष (Rudraksha) का नाम सुना होगा. जो कि भगवान शिव का ही रूद्र रूप माना जाता है. शिव महापुराण के अनुसार रुद्राक्ष एक मुखी से 38 मुखी तक होते हैं और सभी का प्रभाव अलग-अलग होता है. ये चमत्कारिक होता है. इसके बारे में कहा जाता है कि अगर ये किसी को सूट करता है तो उसका भाग्‍य ऐसा बदलता है जैसा कि उसने कभी सोचा भी नहीं होगा. रूद्राक्ष से व्‍यक्ति के जीवन में अपाल सफलताएं मिलने के साथ सभी काम अपने आप ही पूरे होने लगते हैं.

चमत्कारी पौधा

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चमत्कारी पौधा

रुद्राक्ष धारण करने से मन व शरीर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. इसे साथ रखने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं. अनचाहे भय से मुक्ति मिलती है, निराशा और आलस्य दूर होता है और मन में कार्य करने की ऊर्जा का संचार होता है. 

'भगवान को प्रिय है रुद्राक्ष'

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'भगवान को प्रिय है रुद्राक्ष'

अगर किसी को भगवान शिव के साथ गणेश जी की कृपा भी चाहिए तो उसे गणेश रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. ये भगवान गणपति का रूप है, इसे धारण करने से व्यक्ति का मानसिक सन्तुलन ठीक रहता है और वह परेशानी में बिना घबराए सही निर्णय लेता है. इससे उसके जीवन में आने वालीं परेशानियां दूर हो जाती हैं.

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

'होंगे अद्भुत फायदे'

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'होंगे अद्भुत फायदे'

भगवान शिव का रुद्राक्ष हमारी हर तरह की समस्या को हरने की क्षमता रखता है. कहते हैं रुद्राक्ष जितना छोटा हो, उतना ही ज्यादा प्रभावशाली होता है. यह रुद्राक्ष सफलता, धन-संपत्ति, मान-सम्मान दिलाता है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

'हर समस्या का समाधान'

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'हर समस्या का समाधान'

भगवान शिव ने समस्त लोगों के कल्याण के लिए अपने नेत्रों से आंसू के रूप में रुद्राक्ष उत्पन्न किए. उनकी आंख से गिरे पहले आंसू को एक मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है. एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना जाता है. ज्योषित मान्यताओं के मुताबिक इसका पौधा या पेड़ घर के आसपास या आंगन में होना शुभ माना जाता है. 

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

अलग-अलग फायदे

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अलग-अलग फायदे

रुद्राक्ष कई तरह के होते हैं. दो मुखी रुद्राक्ष को शिव शक्ति का स्वरूप मानते हैं और इसे धारण करने पर पति पत्नी, पिता पुत्र व साझेदारों से सम्बन्ध मधुर होते हैं. जन्मपत्री मे चंद्रमा कमजोर होने पर दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होकर सही निर्णय लेता है. वहीं चार मुखी नेपाली रुद्राक्ष धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ने के साथ वाणी में मिठास आती है. बच्चों को ये रुद्राक्ष धारण करवाने से उनके जिद करने की प्रवृत्ति दूर होती है. रुद्राक्ष को किसी योग्य ज्योतिषी की देख-रेख में ही धारण करना चाहिए.

(नोट - इस लेख की जानकारी सामान्य एवं ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है, ज़ी न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है)

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