मेरठ के रहने वाले शशांक मिश्रा (Shashank Mishra) के परिवार में उनके अलावा तीन भाई, एक बहन और माता-पिता थे. शशांक के पिता कृषि विभाग में डिप्टी कमिशनर के पद पर थे और सबकुछ काफी सही चल रहा था. शशांक जब 12वीं क्लास में थे तो उनके पिता की असमय मृत्यु हो गई और परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. हालांकि शशांक ने हार नहीं मानी और जिम्मेदारियों को संभालते हुए हर तरह की परेशानियों का सामना किया. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
यूपीएससी पाठशाला की रिपोर्ट के अनुसार, 12वीं के बाद शशांक मिश्रा (Shashank Mishra) आईआईटी प्रवेश परीक्षा में दी और 137वीं रैंक पाकर पास हुए. इसके बाद आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई. इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक हालात कुछ ठीक हुए. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लगने के बाद शशांक मिश्रा (Shashank Mishra) की लाइफ अच्छे से चलने लगी थी, लेकिन उनका सपना प्रशासनिक सेवा में जाने का था और इस वजह से नौकरी में उनका दिल नहीं लग रहा था. इसके बाद उन्होंने साल 2004 में नौकरी छोड़ने का फैसला किया और दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगे. हालांकि उनकी यह राह इतनी आसान नहीं थी. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
नौकरी छोड़ने के बाद शशांक मिश्रा (Shashank Mishra) को फिर पैसों की दिक्कत होने लगी, इसके लिए उन्होंने दिल्ली में एक कोचिंग में पढ़ाना शुरू कर दिया. हालांकि वहां से होने वाली इनकम से खर्च नहीं चल पाता था. इसके बाद वह मेरठ में रहने लगे और रोजाना दिल्ली अप-डाउन करने लगे. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
शशांक मिश्रा (Shashank Mishra) ने मेरठ में रहने का फैसला किया, लेकिन रोजाना दिल्ली आने-जाने में उनका ज्यादातर समय खराब हो जाता था. इसके बाद उन्होंने मेरठ से दिल्ली आने-जाने तक के सफर को स्टडी टाइम में कनवर्ट कर लिया और ट्रेन में बैठकर पढ़ाई करने में करते थे. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
सारी परेशानियों से लड़कर शशांक मिश्रा (Shashank Mishra) ने दो साल जमकर तैयारी की और फिर यूपीएससी का एग्जाम दिया. पहले ही प्रयास में उनका चयन एलाइड सर्विसेज में हो गया, लेकिन उन्होंने दोबारा कोशिश की. 2007 के एग्जाम में शशांक को सफलता मिली और उन्होंने 5वीं रैंक हासिल की और आईएएस बनने का सपना साकार किया. (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
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