Jail Structure: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद राजधानी की राजनीति में भूचाल आ गया है. इस गिरफ्तारी के दौरान हमें एक शब्द बार-बार सुनने को मिला और वो है तिहाड़ जेल. आज हम जानेंगे कि आखिर जेलों के अंदर कौन से कैदियों को कहां रखा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जेलों के अंदर कुछ कैदियों को वीवीआईपी ट्रीटमेंट भी दिया जाता है लेकिन उसके एक खास क्राइटेरिया है.
दिल्ली का तिहाड़ जेल भारत का सबसे बड़ा जेल है. यही नहीं, इसकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े और सुरक्षित जेलों में भी की जाती है. तिहाड़ के 1 नंबर जेल में S और Y एल्फाबेट नाम वाले कैदियों को रखा जाता है. वहीं जेल नंबर - 2 में ऐसे कैदियों को रखा जाता है, जिनकी सजा 10 साल या उससे ज्यादा की होती है. अब बात जेल नंबर 3 की करें तो उसमें B, V, C, D, E, F और G अल्फाबेट से शुरू नाम वाले कैदियों को रखा जाता है.
जेल नंबर 4 में A और R अल्फाबेट से शुरू नाम वाले कैदियों को रखा जाता है. तिहाड़ के जेल नंबर पांच में 10 साल से कम सजा वाले कैदियों को रखा जाता है. जेल नंबर 7 स्पेशली महिलाओं के लिए बनाया गया है. यहां पर महिला कैदियों को रखा जाता है. आपको बता दें कि देश के सभी जेलें राज्य सरकार के अधीन होती हैं.
आर्थिक अपराध के मामलों में अंडरट्रायल कोई आरोपी अगर जेल जाता है और वह विधायक, सांसद, मंत्री या कोई बड़ा उद्योगपति है तो वह खुद को सुपीरियर और वीवीआईपी बताते हुए कुछ जरूरी सुविधाओं की मांग करता है और गहरी समीक्षा के बाद उन्हें जेल मैनुअल से अलग कुछ सुविधाएं दी जाती हैं.
सुपीरियर या वीवीआईपी क्लास में आने वाले कैदियों को सोने के लिए लकड़ी का तख्त, दरी, कॉटन की चादर, एक मेज, एक चौकी, न्यूजपेपर, मच्छरदानी, एक जोड़ी चप्पल, कूलर, बाहर का खाना मिलता है. वीवीआईपी ट्रीटमेंट के लिए कैदी को अपनी सामाजिक स्थिति और आर्थिक प्रोफाइल के हिसाब से ‘वीआईपी स्थिति’ में आवेदन करने का अधिकार दिया गया है.
आपको बता दें कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को भी बेंगलुरु सेंट्रल जेल की वीवीआईपी सेल में रखा गया था. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, जनार्दन रेड्डी और एसएन कृष्णिया सेटी जैसे पूर्व मंत्रियों को भी वीवीआईपी सेल की सुविधा में रखा गया था.
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