पुजारी ओम गुरु ने बताया की बाबा का हर रोज की तरह पूजा-अर्चना और आरती की गई. इस दौरान 5 प्रकार के फलों के रस से बाबा को स्नान करवाया गया. पंचाभीषेक किया गया, जिसके बाद भस्मारती हुई.
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के धाम में हर एक पर्व को सबसे पहले मानने की सदियों पुरानी परंपरा रही है. आज गणतंत्र दिवस व बसंत पंचमी के अद्भुत संयोग पर बाबा की अल सुबह होने वाली भस्मारती के दौरान बाबा को बसंत चढ़ाई गई और तिरंगा स्वरूप में बाबा का शृंगार किया गया.
छुट्टी का दिन होने की वजह से बड़ी संख्या में महाकाल के दर्शन के लिए भक्त पहुंचे और बाबा का आशीर्वाद लिया. पुजारी ओम गुरु ने बताया की बाबा का हर रोज की तरह पूजा-अर्चना और आरती की गई. इस दौरान 5 प्रकार के फलों के रस से बाबा को स्नान करवाया गया. पंचाभीषेक किया गया, जिसके बाद भस्मारती हुई.
इस दौरान बाबा का शृंगार तिरंगा स्वरूप में किया गया. आज बसंत पंचमी है इसलिए बाबा को बसंत भी चढ़ाई गई, उन्हें आभूषण पहनाए गए और मिठाई का भोग लगाया गया.
महाकाल की नगरी उज्जैन में 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां दशहरा मैदान में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने ध्वजा रोहण किया. इस दौरान, हर्षफायर और मार्चपास्ट किया गया. इस दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया.
उज्जैन के दशहरा मैदान में एनसीसी और स्काउड गाइड के छात्र शामिल हुए. झांकियों में स्वयं सहायता समूह, जल शक्ति, स्वच्छता अभियान, श्री महाकाल महालोक की प्रसिद्धि, कृषि किसान, खेलो इंडिया के बारे में बताती व आम जन को आकर्षित करती झांकियां मैदान में नजर आईं.
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