भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की कैप्टन शिवा चौहान सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं. सियाचिन को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र माना जाता है. कैप्टन चौहान को तीन महीने की अवधि के लिए 15,632 फीट की ऊंचाई पर कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया है.
उन्होंने 2 जनवरी 2023 को कठिन ट्रेनिंग के बाद अग्रिम पंक्ति का पद हासिल किया. इस ट्रेनिंग में उन्होंने बर्फ की दीवार पर चढ़ना, हिमस्खलन और हिमस्खलन बचाव और उत्तरजीविता अभ्यास किया.
राजस्थान की रहने वाली कैप्टन चौहान बंगाल सैपर हैं. उनके नेतृत्व में सैपर्स की टीम ग्लेशियर में कई युद्ध इंजीनियरिंग कार्यों के लिए जिम्मेदार होगी.
एक वायरल वीडियो में, कैप्टन चौहान सियाचिन में बर्फ की मोटी चादर पर टहलते हुए दिखाई दे रही हैं, जहां तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है. पिछले कुछ वर्षों में महिलाएं बड़े पैमाने पर प्रगति कर रही हैं और भारतीय सशस्त्र बलों में अपनी छाप छोड़ रही हैं.
25 मई 2022 को हरियाणा की कैप्टन अभिलाषा बराक कॉम्बैट एविएटर के रूप में आर्मी एविएशन कॉर्प्स में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं. उन्होंने नासिक में कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में आयोजित एक समारोह में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जहां उन्हें और 36 अन्य सेना पायलटों को 'Coveted Wings' से सम्मानित किया गया.
26 वर्षीय कैप्टन अभिलाषा ने लॉरेंस स्कूल, सनावर से पढ़ाई की है. वह कर्नल एस ओम सिंह (सेवानिवृत्त) की बेटी हैं, और उन्हें सितंबर 2018 में सेना वायु रक्षा कोर में नियुक्त किया गया था.
फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत, फाइटर जेट में लड़ाकू मिशन के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली भारत की पहली महिला अधिकारी हैं. वे 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस फ्लाई-पास्ट में भाग लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट भी हैं.
भावना नवंबर 2017 में फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल हुईं और उन्होंने मार्च 2018 में मिग-21 बाइसन पर अपनी पहली एकल उड़ान भरी. मई 2019 में, वह लड़ाकू अभियानों के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनीं.
भारत की पहली महिला राफेल फाइटर जेट पायलट, फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह, बुधवार, 26 जनवरी 2022 को 73वें गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की झांकी में गर्व से खड़ी हुईं.
वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह 2017 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं. उन्हें वायु सेना के महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच में शामिल किया गया था. वायु सेना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं केवल एक चीज चाहती थी - एक फाइटर पायलट बनना. यही कारण है कि मैं वायु सेना में शामिल हुई.
21 सितंबर 2020 को दो भारतीय नौसेना उप-लेफ्टिनेंट, कुमुदिनी त्यागी (दाएं) और रीति सिंह (बाएं) को नौसेना के हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में 'पर्यवेक्षक' व हवाई रणनीतिज्ञ के रूप में चुना गया था. वे युद्धपोतों के डेक से संचालित होने वाली भारत की पहली महिला हवाई रणनीतिकार बनीं.
त्यागी और सिंह दोनों ने केरल के कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान में भारतीय नौसेना के ऑब्जर्वर कोर्स से स्नातक किया है.
वे नौसेना के 17 अधिकारियों के एक समूह का हिस्सा थीं, जिन्हें एक समारोह में 'पर्यवेक्षक' के रूप में स्नातक होने पर 'विंग्स' से सम्मानित किया गया था.
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