Pinaka: पिनाका हथियार प्रणाली भारत में विकसित की गई है और इसे हिंदू भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है. यह हथियार प्रणाली उन पहले कुछ भारतीय सैन्य उपकरणों में से एक है जिन्हें विदेशों में निर्यात किया गया है.
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Defence Ministry Approve: भारतीय सेना के पास अब और भी शक्तिशाली हथियार होंगे. रक्षा मंत्रालय ने पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के लिए 6,400 रॉकेट खरीदने के लिए 2,800 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इन रॉकेटों की रेंज 60 से 120 किलोमीटर तक है और ये दुश्मन के सैनिकों, टैंकों और अन्य सैन्य वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इन रॉकेटों को केवल स्वदेशी स्रोतों से खरीदा जाएगा. दो मुख्य दावेदारों में सोलर इंडस्ट्रीज की इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड शामिल हैं.
भगवान शिव के धनुष के नाम पर
असल में पिनाका हथियार प्रणाली भारत में विकसित की गई है और इसे हिंदू भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है. यह हथियार प्रणाली उन पहले कुछ भारतीय सैन्य उपकरणों में से एक है जिन्हें विदेशों में निर्यात किया गया है. रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद की हालिया बैठक में दो प्रकार के इन रॉकेटों के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, जिन्हें एरिया डेनियल म्यूनिशन टाइप 2 और टाइप -3 के नाम से जाना जाता है. पिनाका को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है.
विदेशी देशों में निर्यात किया गया
यह हथियार प्रणाली उन पहले कुछ भारतीय सैन्य उपकरणों में से एक है जिन्हें आर्मेनिया सहित विदेशी देशों में निर्यात किया गया है. परियोजना में शामिल निजी क्षेत्र की कंपनियों में लार्सन एंड टुब्रो, टाटा डिफेंस और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड शामिल हैं. पिनाका प्रणाली के लिए उत्पादन लाइनें स्थापित की गई हैं जिनकी सशस्त्र बलों को थोक में आपूर्ति की जा रही है. बड़ी तोपखाने आधुनिकीकरण योजनाओं के हिस्से के रूप में, सेना को पिनाका एमबीआरएल की 22 रेजिमेंटों की आवश्यकता है.
भारतीय सेना की पिनाका रेजिमेंट में स्वचालित बंदूक लक्ष्यीकरण और पोजिशनिंग सिस्टम और कमांड पोस्ट वाले लॉन्चर शामिल हैं. पिनाका रॉकेट का परीक्षण हाल ही में राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में भी किया गया है और इन परीक्षणों के दौरान कई सफल परीक्षण किए गए हैं.