इजरायली अखबार को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बताया भारत-इजरायल रिश्तों को 'खास'
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इजरायली अखबार को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बताया भारत-इजरायल रिश्तों को 'खास'

पीएम ने कहा, 'हमारा लक्ष्य इजरायल के साथ इस तरह के संवाद करने का है कि दोनों देशों के नागरिकों के जीवन में सुधार हो.' (फाइल)

यरूशलम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के साथ भारत के रिश्तों को 'स्पेशल' करार देते हुए सोमवार को कहा कि उनके दौरे से द्विपक्षीय संबंधों और आतंकवाद विरोधी लड़ाई सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

'मेरा दौरा खास मौके पर आया है'

मोदी ने अपने तीन दिवसीय इस्राइल दौरे की शुरूआत की पूर्वसंध्या पर कहा, 'मेरा दौरा खास मौके पर आया है जब भारत और इजरायल के बीच संबंध स्थापित होने के 25 साल पूरे हुए हैं.' इस्राइल के सरकार समर्थक अखबार 'इजरायल हायोम' को दिए इंटरवूय में मोदी ने कहा कि उनका दौरा 'दोनों देशों के बीच सदियों पुराने जुड़ाव' पर आधारित है।

'विपरीत हालात में वजूद कायम रखने वाला देश'

उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे बहुत सारे लोगों की राय को साझा करता हूं जो इजरायल को टेक्नोलॉजी के वाहक, विपरीत हालात में वजूद कायम रखने वाले देश के तौर पर देखते हैं.' अपना न्यूजलेटर सब्सक्राइव करने वाले इजरायली नागरिकों को भेजे ईमेल ने मोदी ने कहा कि इजरायल के साथ भारत का रिश्ते 'विशेष' है. 'यरूशलम पोस्ट' के अनुसार मोदी ने कहा कि उनके दौरे से दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत होंगे.

रक्षा और साइबर सिक्योरिटी संबंध स्थापित करने पर जोर

अखबार का कहना है कि मोदी की इस यात्रा के दौरान नए रक्षा और साइबर सिक्योरिटी संबंध स्थापित करने पर जोर दिया जा सकता है. इन दो क्षेत्रों में इजरायल ने खुद को एक विश्व अगुवा के तौर पर पेश करने की कोशिश की है.

दोनों देशों के बीच एक अरब डॉलर से ज्यादा का रक्षा कारोबार

भारत रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक है और इजरायल उसका एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन चुका है. इजरायली मीडिया के मुताबिक दोनों देशों के बीच हर साल एक अरब डॉलर से ज्यादा का रक्षा कारोबार होता है. 

भारत सरकार संबधों को नए स्तर तक ले जाने को प्रतिबद्ध

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत और इजरायल के बीच संबंध सुधारने और इसे नए स्तर तक ले जाने को प्रतिबद्ध है. दोनों देशों के बीच पिछले तीन सालों में उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बढ़ने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि किसी भारतीय राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने 2015 में प्रणब मुखर्जी के दौरे से पहले इस्राइल की यात्रा नहीं की थी. 

'पहली बार कोई भारतीय पीएम इजरायल का दौर कर रहा है'

मोदी ने 'इजरायल हायोम' से कहा, 'मेरे दौरे का अपना महत्व है क्योंकि यह पहली बार है कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल का दौरा कर रहा है. मुझे विश्वास है कि मेरे दौरे से कई क्षेत्रों में हमारे संबंधों को मजबूती मिलेगी और सहयोग के लिए नयी प्राथमिकताएं सामने आएंगी.'

'एक दशक बाद यहां वापस आकर बहुत खुश हूं'

पीएम ने कहा, 'हमारा लक्ष्य इजरायल के साथ इस तरह के संवाद करने का है कि दोनों देशों के नागरिकों के जीवन में सुधार हो.' मोदी ने कहा, 'एक दशक से अधिक समय बाद मैं वापस आकर बहुत खुश हूं और इस दौरान इस्राइल ने जो विकास किया है उसको देखने को उत्सुक हूं.' 

'हमारे बीच समझौता है कि निर्दोष लोगों पर हिंसा करने वालों को फलने-फूलने नहीं देना चाहिए'

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और इस्राइल आतंकवाद के समान खतरे का सामना कर रहे हैं, मोदी ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और दोनों देश इससे बचे नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे बीच समझौता है कि निर्दोष लोगों पर हिंसा करने वालों को फलने-फूलने नहीं देना चाहिए. सीमा पार आतंकवाद हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. हमारी सीमा के पार की विभाजनकारी ताकतें हमारे देश की एकता को बाधित करने की कोशिश कर रही हैं.' 

'आतंकवाद को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए'

मोदी ने कहा, 'इस तरह के तत्व हमारे देश अथवा क्षेत्र में युवाओं को गुमराह करने के लिए धर्म का गलत इस्तेमाल करते हैं. आतंकवाद को किसी तरह से किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. दोनो देश आतंकवाद की समस्या का मुकाबला करने के लिए एक दूसरे के प्रयासों में मदद करने तथा सहयोग करने के लिए और निकटता से काम कर सकते हैं.'

'मैं किसी वाद में विश्वास नहीं करता'
यह पूछे जाने पर कि वह पूंजीवाद के धुर समर्थक हैं और अर्थव्यस्था को और उदार बनाना चाहते हैं तो मोदी ने कहा कि वह किसी 'वाद' में विश्वास नहीं करते. मोदी ने कहा, 'मैं और मेरी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के लक्ष्य के साथ काम करते हैं.'

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