सतत विकास लक्ष्यों के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि वे भारत के विकास लक्ष्यों से पूरी तरह से तालमेल बनाए हुए हैं.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नॉर्वे की उनकी समकक्ष एर्ना सोलबर्ग के साथ बातचीत के बाद, भारत और नॉर्वे मंगलवार को सागरीय अर्थव्यवस्था पर करीबी सहयोग तथा सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने पर सहमत हुए. दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार बढाने का संकल्प भी लिया. मोदी और सोलबर्ग ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और द्विपक्षीय संबंधों को ‘‘नई ऊर्जा और दिशा’’ देने के तौर तरीकों पर चर्चा की. दोनों देशों ने भारत-नॉर्वे सागरीय वार्ता आयोजित करने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये. सोलबर्ग सोमवार को यहां पहुंची थीं.
उनका मंगलवार सुबह राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया. मोदी ने सोलबर्ग के साथ बातचीत के बाद एक बयान में कहा, ‘‘हमने अपने सहयोग के सभी क्षेत्रों की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा तथा दिशा देने के तरीकों पर चर्चा की.’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने सागरीय अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं पर ‘‘सार्थक चर्चा’’ की.
भारत और नॉर्वे के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत सहयोग है. दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, बहुस्तरीय निर्यात नियंत्रण प्रणाली और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर करीबी समन्वय है. सतत विकास लक्ष्यों के बारे में मोदी ने कहा कि वे भारत के विकास लक्ष्यों से पूरी तरह से तालमेल बनाए हुए हैं.
सतत विकास लक्ष्य जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता, नवोत्कर्ष, सतत उपभोग और शांति एवं न्याय जैसे क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय 17 वैश्विक लक्ष्यों का समूह है. मोदी ने कहा कि भारत और नॉर्वे आपसी साझेदारी के तहत जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सफलतापूर्वक सहयोग कर रहे हैं. मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं 2017 में जी-20 शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री सोलबर्ग से मिला था तो उन्होंने मुझे उपहार में फुटबॉल दिया था. उसका अर्थ अलग था. यह फुटबॉल खेल के गोल के लिए नहीं बल्कि ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’ का प्रतीक था.’’
नॉर्वे की प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के महत्व और इसकी जनसंख्या को देखते हुए, जब तक ‘‘भारत को साथ नहीं लाया जाता’’, विश्व सतत विकास लक्ष्यों तक पहुंच नहीं पाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भारत में, विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में किये गये कार्य में शानदार सुधार देखा है.’’
सोलबर्ग ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति तेज करने तथा संबंध और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. मोदी ने कहा कि भारत के विकास और प्रगति के लिए सागरीय अर्थव्यवस्था का क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय सागरीय वार्ता सागरीय अर्थव्यवस्था से संबंधित क्षेत्रों में सहयोग को दिशा देगी. सोलबर्ग ने कहा कि नॉर्वे और भारत समुद्र से संबंधित मुद्दों पर सहयोग बढाने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के साथ बैठक में ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा हुई.
इनपुट भाषा से भी