मोदी कल देश को समर्पित करेंगे अटल टनल, सामरिक रूप से बड़ी कामयाबी
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मोदी कल देश को समर्पित करेंगे अटल टनल, सामरिक रूप से बड़ी कामयाबी

पीएम मोदी (PM Modi) टनल का पूरा दौरा करेंगे वहीं लाहौल स्पीति (Lahaul and Spiti) जिले की लाहौल घाटी (Spiti Valley) में हिमाचल परिवहन निगम (Himachal Road Transport Corporation) की बस को मनाली के लिए हरी झंडी दिखाएंगे.

दो दशक पहले हुई थी पूर्व पीएम के नाम पर बनी टनल की तैयारी

शिमला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अटल टनल (Atal Tunnel) का हिमाचल प्रदेश के रोहतांग (Rohtang) में उद्घाटन करेंगे. इस सुरंग से मनाली और लेह की दूरी 46 किमी घट जाएगी साथ ही इस यात्रा में लगने वाला समय भी 4-5 घंटे कम हो जाएगा. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी लाहौल स्पीति में एक रैली भी संबोधित करेंगे. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी प्रधानमंत्री के साथ मौजूद रहेंगे.

  1. दुनिया की सबसे बड़ी हाइवे टनल का उद्घाटन
  2. देश को समर्पित होगी All weather Atal Tunnel
  3. हर 150 मीटर पर फोन और वाटर हाइड्रेंट सुविधा

दुनिया की सबसे बड़ी हाइवे टनल
अटल टनल दुनिया की सबसे बड़ी हाइवे टनल है.9.02 किमी लंबी यह टनल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से पूरे साल जोड़े रखेगी.भारी हिमपात के कारण हर साल घाटी का लगभग छह माह तक शेष देश से संपर्क कटा रहता है. हिमालय की पीर पंजाल पर्वत शृंखला पर बनी यह टनल समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर है. 

पीएम मोदी (PM Modi) टनल का पूरा दौरा करेंगे वहीं लाहौल स्पीति (Lahaul and Spiti) जिले की लाहौल घाटी (Spiti Valley) में हिमाचल परिवहन निगम (Himachal Road Transport Corporation) की बस को मनाली के लिए हरी झंडी दिखाएंगे.

सामरिक रूप से अहम टनल
अटल टनल की डिजाइन घोड़े की नाल की तरह बनाई गई है. डबल लेन टनल निर्माण में 3300 करोड़ की लागत आई है. यह देश के लिए रक्षा दृष्टिकोण से भी अहम है. इसमें हर 150 मीटर पर टेलीफोन और 60 मीटर पर वाटर हाइड्रेंट की सुविधा दी गई है. साथ ही हर 500 मीटर पर इससे निकलने की आपात सुविधा भी है. हर 250 मीटर पर ब्राडकास्टिंग सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों के साथ आटोमेटिक इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम लगा है.

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पूर्व पीएम का 20 साल पुराना सपना
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सन 2000 में इस टनल को बनाने का फैसला लिया था. मोदी सरकार ने पिछले साल उनकी याद में इसका नाम अटल टनल रखने का फैसला लिया था. प्रधानमंत्री शनिवार को यहां पहुंचेंगे और सीमा सड़क संगठन  (Border Roads Organisation) के गेस्ट हाउस में अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. 

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