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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi launches RBI Scheme) शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की दो स्कीम की शुरुआत की. रिटेल डॉयरेक्ट स्कीम (Retail Direct Scheme) और इंटीग्रेटेड ओमबड्समैन स्कीम (Integrated Ombudsman Scheme) शुरू होने से खुदरा निवेशकों को कई फायदे होंगे. इन योजनाओं की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के इस चुनौतीपूर्ण कालखंड में वित्त मंत्रालय ने, आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थाओं ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है. मुझे विश्वास है कि आरबीआई देश की उम्मीदों पर खरा उतरेगा. पिछले 6-7 सालों में केंद्र सरकार ने आम भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम किया है.
रिटेल डॉयरेक्ट स्कीम (Retail Direct Scheme) के जरिए सरकार के प्रतिभूतियों में रिटेल निवेशकों ( Retail Investors) को निवेश बढ़ाने के लिए आकर्षित करने में मदद मिलेगी. इस स्कीम के तहत रिटेल निवेशक केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए प्रतिभूतियों (Securities) में सीधा निवेश कर सकेंगे. निवेशक आरबीआई के पास सरकारी प्रतिभूति अकाउंट (Government Securities Accounts) ऑनलाइन खोल सकेंगे. इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा.
इंटीग्रेटेड ओमबड्समैन स्कीम (Integrated Ombudsman Scheme) के जरिए ग्राहकों के शिकायतों के निवारण में आसानी होगी. आरबीआई द्वारा रेग्युलेटेड वित्तीय संस्थानों जिसमें बैंक, पेमेंट बैंक शामिल हैं. वित्तीय संस्थानों की मनमानी के खिलाफ ग्राहक इंटीग्रेटेड ओमबड्समैन स्कीम के जरिए आरबीआई के पास शिकायत कर सकेंगे. वन नेशन-वन ओमबड्समैन (One Nation-One Ombudsman) यानी 'एक देश, एक लोकपाल' के मुख्य थीम के साथ इसे शुरू किया गया है. इसके तहत एक पोर्टल पर एक ईमेल आईडी और एक पते के जरिए ग्राहक आरबीआई के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. ये सिंगल प्वाइंट होगा, जहां ग्राहक शिकायत करेंगे, कागजात जमा कर सकेंगे और साथ ही अपने शिकायत का स्टेट्स भी चेक कर सकेंगे. इसके अलावा ग्राहक टोल फ्री नंबर पर फोन कर अपनी भाषा में शिकायत दर्ज कराने और निवारण के लिए मदद ले सकेंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा, 'आरबीआई ने भी आम भारतीय को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं. आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उनसे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मर्केट्स को एक्सेस करना निवेशकों के लिए अधिक आसान, अधिक सुविधाजनक बनेगा.' उन्होंने कहा, 'खुदरा प्रत्यक्ष योजना में, हमारे देश के छोटे निवेशकों ने सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने का एक सुरक्षित और आसान तरीका खोज लिया है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'एकीकृत लोकपाल योजना के तहत 'एक राष्ट्र, एक लोकपाल' आकार ले चुका है. यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक ग्राहक निवारण परेशानी मुक्त और समयबद्ध तरीके से होगा. आज, जब देश डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अभूतपूर्व निवेश कर रहा है, प्रत्येक निवेशक की भागीदारी महत्वपूर्ण होने जा रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'अभी तक गर्वमेंट सिक्यूरिटी मार्केट में हमारे मध्यम वर्ग, कर्मचारी, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिकों को सिक्योरिटीज में निवेश के लिए बैंक इंश्योरेंश या म्यूचल फंड जैसे रास्ते अपनाने पड़ते थे. अब उन्हें सुरक्षित निवेश का एक और बेहतर विकल्प मिल रहा है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम के तहत किसी फंड मैनेजर की जरूरत नहीं होगी. एक खुदरा प्रत्यक्ष गिल्ड खाता ऑनलाइन खोला जा सकता है और प्रतिभूतियों को ऑनलाइन खरीदा / बेचा जा सकता है. वेतनभोगी लोगों/पेंशनभोगियों के लिए सुरक्षित निवेश का यह एक बड़ा अवसर है.' उन्होंने आगे कहा, 'बीते 7 सालों में, NPAs को पारदर्शिता के साथ Recognize किया गया. Resolution और recovery पर ध्यान दिया गया. पब्लिक सेक्टर बैंकों को Recapitalize किया गया. फाइनेंशियल सिस्टम और पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक के बाद एक रिफॉर्म्स किए गए. बैंकिंग सेक्टर को और मजबूत करने के लिए को-ऑपरेटिव बैंकों को भी आईपीआई के दायरे में लाया गया. इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों जमाकर्ता हैं, उनके भीतर भी इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है.'
पीएम मोदी ने कहा, 'कोविड में ही सरकार द्वारा छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने के लिए विशेष मुहिम चलाई, जिससे 2.5 करोड़ से अधिक किसानों को KCC कार्ड भी मिले और लगभग 2.75 लाख करोड़ का कृषि ऋण भी मिला. पीएम स्वनिधि योजना से करीब 26 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण मिल चुका है.' उन्होंने आगे कहा, 'सिर्फ 7 सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुणा की छलांग लगाई है. आज 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने देश में कभी भी, कहीं भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चालू रहता है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमें देश की, देश के नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखना ही होगा, निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करते रहना होगा. मुझे पूरा विश्वास है कि एक संवेदनशील और इन्वेस्टर फ्रेंडली डेस्टीनेशन के रूप में भारत की नई पहचान को आरबीआई (RBI) निरंतर सशक्त करता रहेगा.
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