Kaushambi Jail में बंद कैदी फटे कंबलों से बना रहें गायों के लिए कोट, PM Modi ने की तारीफ
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Kaushambi Jail में बंद कैदी फटे कंबलों से बना रहें गायों के लिए कोट, PM Modi ने की तारीफ

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला जेल (Kaushambi District Jail) में बंद कैदी पुराने और फटे हुए कंबल से गायों को ठंड से बचाने के लिए कोट बना रहे हैं, जिसे गायों को पहनाया जा सके और ठंड से बचाया जा सके.

फाइल फोटो।

नई दिल्ली: जेलों (Jail) में बंद कैदियों को अक्सर इस तरह की नजरों से देखा जाता है, जैसे अब वे किसी काम के नहीं रहे, लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कैदियों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसकी सराहना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने कार्यक्रम मन की बात (Mann ki Baat) में की.

  1. कैदी फटे कंबलों को सिलकर कोट बना रहे हैं
  2. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में तारीफ की
  3. पीएम ने कहा- कौशांबी जेल के कैदी बेमिसाल काम कर रहे

पीएम मोदी ने क्यों की कैदियों की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मन की बात (Mann ki Baat) में बताया कि उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला जेल (Kaushambi District Jail) के कैदियों की तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा, 'कौशांबी जिला जेल के कैदी बेमिसाल काम कर रहे हैं. वहां पर कैदी गायों को ठंड से बचाने के लिए फटे व बेकार कंबलों और जूट के बैगों या अन्य उत्पादों को सिलकर कोट बना रहे हैं.

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10-10 के ग्रुप कर रहा है काम

आपको बता दें कि कौशांबी जेल (Kaushambi District Jail) के कैदी पुराने और फटे हुए कंबल से गायों को ठंड से बचाने के लिए कोट बना रहे हैं, जिसे गायों को पहनाया जा सके और ठंड से बचाया जा सके. जेल में दस-दस कैदियों का ग्रुप कोट बनाने का काम कर रहा है जेल के महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा कि दस-दस कैदियों की एक टीम मवेशियों के लिए कवर की सिलाई कर रही है. फिलहाल तो मंझनपुर की एक गौशाला में 50 कोट के एक पैकेट की आपूर्ति की जा रही है.

1 महीने में 1 हजार कोट बनाने का लक्ष्य

कौशांबी जेल (Kaushambi District Jail) के एक कर्मचारी ने बताया कि पहले हमने कई जेलों से पुराने और फटे हुए कंबल एकत्र किए. उन्हीं कपड़ों को सिलाई करके मवेशियों के लिए कोट बनाने के लिए उपयोग कर रहे हैं. जेलों में सर्दियों में कैदियों के लिए दिया गया कंबल लगभग 3 साल तक चलता है और उसके बाद वो फट जाते है या खराब हो जाते हैं. उन्हीं कंबलों से गायों के लिए कोट तैयार किए जा रहे हैं. एक महीने में करीब हजार कोट बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

पहले कैदियों ने बनाए थे मास्क-पीपीई किट

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई जेलों में बंद कैदियों ने पहले भी अपनी प्रतिभाओं को सबके सामने रखा है. कोरोना काल के समय यूपी की जेलों में बंद कैदियों ने पीपीई किट (PPE Kit) और मास्क (Mask) बनाकर उत्तर प्रदेश सरकार की काफी मदद की थी.

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