Rajiv Gandhi As PM: दो दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 80वीं जयंती थी. इस मौके पर बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज, जस्टिस बीजी कोलसे-पाटिल ने राजीव से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया.
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Rajiv Gandhi Story: 'राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे, एक मामले में मैंने फैसला दिया तो उन्होंने मुझे रात के 2 बजे अपने आवास बुलवा लिया था...' पूर्व पीएम से जुड़ा यह किस्सा सुनाया है बॉम्बे हाई कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस बीजी कोलसे-पाटिल ने. गांधी की 80वीं जयंती के मौके पर पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि कैसे राजीव की त्वरित कार्रवाई ने देश के लिए 'करोड़ों रुपये बचाए' थे.
निजी कंपनियों से जुड़े केस में दिया था फैसला
उस वाकये को याद करते हुए जस्टिस कोलसे-पाटिल ने कहा, 'अस्सी के दशक के मध्य में, बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के तौर पर मैंने एक ऐसा फैसला सुनाया था जिसे ऐतिहासिक माना गया था. यह मामला कुछ निजी कंपनियों से जुड़ा था जो सरकार द्वारा लगाए गए अतिरिक्त उत्पाद शुल्क की वापसी की मांग कर रही थीं. हालांकि, मैंने उस मांग को खारिज कर दिया. मेरा तर्क था कि जब कंपनियां पहले से ही उपभोक्ताओं से उत्पाद शुल्क वसूल रही थीं, तो उन्हें यह राशि क्यों वापस की जानी चाहिए? यह राशि वास्तव में उपभोक्ताओं को मिलनी चाहिए. फली नरीमन और नानी पालकीवाला जैसे शीर्ष वकील अपने मुवक्किलों के लिए केस लड़ रहे थे. इसमें बहुत बड़ी रकम शामिल थी.'
'राजीव गांधी ने रात 2 बजे अपने आवास पर बुलाया'
कोलसे-पाटिल ने बताया कि फैसले से देश में सनसनी फैल गई. उन्होंने केंद्रीय मंत्री कल्पनाथ राय से मुलाकात की और उन्हें फैसले के बारे में जानकारी दी और प्रधानमंत्री के सामने इस मुद्दे को उठाने को कहा. कोलसे-पाटिल ने बताया, 'राजीव गांधी ने मुझे सुबह 2 बजे अपने आवास पर बुलाया. उन्होंने मुझसे कहा कि यह एक बेहतरीन फैसला है जो नई मिसाल कायम करेगा.'
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रिटायर्ड जज ने कहा, 'राजीव गांधी ने माना कि आबकारी अधिनियम में गलती थी और आबकारी अधिनियम में संशोधन करवाया. बाद में मैंने सुझाव दिया कि उपभोक्ताओं को रिफंड राशि लौटाने के बजाय, यह राशि उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कर दी जानी चाहिए.'
'लोगों की भलाई के लिए काम करते थे राजीव'
जस्टिस कोलसे-पाटिल ने इस घटना के बाद में मंगलवार को कटराज में राजीव गांधी स्मारक समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बताया. उन्होंने कहा, 'राजीव गांधी एक संवेदनशील प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान देश की भलाई के लिए काम किया. वह लोगों के मुद्दों के प्रति संवेदनशील थे और उनके मुद्दों को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार रहते थे.'