वायु प्रदूषण के खिलाफ सरकार का प्लान लागू, इस एप को डाउनलोड करने की अपील
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वायु प्रदूषण के खिलाफ सरकार का प्लान लागू, इस एप को डाउनलोड करने की अपील

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने कहा कि प्रदूषण (Air Pollution) आज के वक्त की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रदूषण से निपटने के लिए अपने मोबाइल फोन में SAMEER एप डाउन लोड करें.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने कहा कि प्रदूषण (Air Pollution) आज के वक्त की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रदूषण से निपटने के लिए अपने मोबाइल फोन में SAMEER एप डाउन लोड करें. इससे उन्हें विभिन्न शहरों में प्रदूषण की स्थिति का सही अपडेट मिलता रहेगा.

  1. देश में खतरनाक स्तर तक पहुंचा प्रदूषण
  2. जावड़ेकर करते हैं ई स्कूटी का इस्तेमाल
  3. देश में खराब वायु के दिनों की संख्या कम हुई
  4.  

देश में खतरनाक स्तर तक पहुंचा प्रदूषण
जावड़ेकर ने कहा कि देश में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है. इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिकल व्हीकल पॉलिसी लॉन्च की है. वर्तमान में देश में 2 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल दौड़ रहे हैं. आने वाले वक्त में ये वाहन और लोकप्रिय होंगे. 

फेसबुक पर जनता से संवाद
रविवार को लोगों के साथ फेसबुक लाइव कार्यक्रम करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि देश में वायु प्रदूषण के पीछे प्रमुख कारक यातायात, उद्योग, अपशिष्ट, धूल, पराली, भूगोल एवं मौसमी दशाएं हैं. मंत्री ने कहा कि प्रदूषण की समस्या एक दिन में हल नहीं की जा सकती है. प्रत्येक कारक से निपटने के लिए लगातार प्रयास की जरूरत है. 

जावड़ेकर करते हैं ई स्कूटी का इस्तेमाल
जावड़ेकर ने कहा कि वे खुद ई-वाहन का इस्तेमाल करते हैं. उनके पास ई-स्कूटी है और इसे अपने घर पर चार्ज करते हैं. मंत्री ने कहा कि सरकार बीएस छह ईंधन लेकर आई, जिसने वाहनों के उत्सर्जन को 60 फीसदी तक कम कर दिया. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए मेट्रो और ई- बसों को लाया गया है.

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देश में खराब वायु के दिनों की संख्या कम हुई
जावड़ेकर ने कहा कि " खराब वायु" के दिनों की संख्या में कमी हुई है. यह 2016 में 250 दिन थे, जो 2020 में 180 दिवस रह गए. उन्होंने कहा कि कुछ दूरी तक जाने के लिए लोग वाहन का प्रयोग न करें. जावडेकर ने कहा कि देश में अगले दो वर्षों में प्रदूषणकारी 60 से 70 बिजली संयंत्रों को चिह्नित कर बंद किया जाएगा. दिल्ली-एनसीआर में बदरपुर और सोनीपत के बिजली संयंत्र बंद हो चुके हैं. 

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