कभी दाऊद को मारने पहुंच गया था PAK, हत्या-रंगदारी का मास्टरमाइंड...वो डॉन, जो बन गया महामंडलेश्वर; ऐसी है क्राइम कुंडली
Advertisement
trendingNow12416886

कभी दाऊद को मारने पहुंच गया था PAK, हत्या-रंगदारी का मास्टरमाइंड...वो डॉन, जो बन गया महामंडलेश्वर; ऐसी है क्राइम कुंडली

Uttrakhand News: श्री श्री प्रकाशानंद गिरी जी महाराज. ये नया नाम है उस दुर्दांत अपराधी का, जिसने हिंदुस्तान से लेकर वियतनाम तक अपने क्राइम का पूरा नेक्सस फैला रखा था. महामंडलेश्वर के उत्तराधिकारी. ये ओहदा है उस शख्स का, जो आज से दो दशक पहले इंसान की जान को मूंगफली से भी सस्ती समझता था.

कभी दाऊद को मारने पहुंच गया था PAK, हत्या-रंगदारी का मास्टरमाइंड...वो डॉन, जो बन गया महामंडलेश्वर; ऐसी है क्राइम कुंडली

Prakash Pandey UnderWorld Don: वो नब्बे के दशक का अंडरवर्ल्ड डॉन था, आपसी अदावत में वो दाऊद को मारने पाकिस्तान पहुंच गया था. देशभर में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का ठेका उठाता था. रंगदारी.. वसूली..हत्या.. जरायम की दुनिया में उसकी तूती बोलती थी. एक दर्जन से ज्यादा हत्याकांड में उसका सीधा हाथ है. मुंबई से दिल्ली तक इसका वर्चस्व था. वो वियतनाम से मुंबई के अंडरवर्ल्ड को ऑपरेट करता था.

खोटा डॉन, प्रकाश पांडे, पीपी.. न जाने इसके कितने नाम हैं. लेकिन 90 के दशक का अंडरवर्ल्ड डॉन अब बन गया 'महामंडलेश्वर'.

कौन है महामंडलेश्वर 'डॉन'?

जी हां! उत्तराखंड के अल्मोड़ा से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. अल्मोड़ा जेल में आज श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के साधु संत पहुंचे. अंदर एक अंडरवर्ल्ड डॉन को दीक्षा दी और तो और उसे महामंडलेश्वर का उत्तराधिकारी बना दिया. आखिर कौन है वो डॉन, जो बना 'महामंडलेश्वर'. चलिए जानते हैं.

श्री श्री प्रकाशानंद गिरी जी महाराज. ये नया नाम है उस दुर्दांत अपराधी का, जिसने हिंदुस्तान से लेकर वियतनाम तक अपने क्राइम का पूरा नेक्सस फैला रखा था. महामंडलेश्वर के उत्तराधिकारी. ये ओहदा है उस शख्स का, जो आज से दो दशक पहले इंसान की जान को मूंगफली से भी सस्ती समझता था.

यह डॉन कभी पीपी के नाम से अंडरवर्ल्ड की दुनिया में मशहूर था. हम बात कर रहे हैं.. प्रकाश पांडे की. अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे का नया ठिकाना है अल्मोड़ा जेल. लेकिन पीपी का जिक्र आज क्यों हो रहा है ये जानकर आप चौंक जाएंगे.

अल्मोड़ा जेल से निकले भगवाधारी प्रकाश पांडे से मिलकर लौट गए. निकलते हुए हर हर महादेव के नारे लगाए. प्रकाश पांडे से इन साधु संतों से मुलाकात की वजह भी काफी दिलचस्प है.

दरअसल पीपी को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा दीक्षा दी गई. इतना ही नहीं उन्हें जूना अखाड़ा का उत्तराधिकारी बनाया गया. पीपी को नया दिया गया है प्रकाशानंद गिरी महाराज.

आपको सुनने में ये अजीब जरूर लगेगा लेकिन ये सच है कि अंडरवर्ल्ड डॉन अब श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर के उत्तराधिकारी बन गए हैं. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर डॉन ने आस्था का रास्ता कैसे अपना लिया. इस सवाल का जवाब तो पीपी को ही मालूम होगा.. लेकिन इसकी क्राइम कुंडली से भी कुछ बातें समझ में आती हैं.

ऐसी है पीपी की क्राइम कुंडली

पीपी के अंडरवर्ल्ड तक पहुंचने की कहानी उत्तराखंड के पहाडों से ही शुरू होती है. नैनीताल के एक छोटे से गांव खनैइया में इसका जन्म हुआ. पिता फौज से रिटायर्ड थे..लेकिन बेटे प्रकाश पांडे को बचपन से ही जुर्म की दुनिया बहुत रंगीन लगती थी.

मायानगरी में छोटा राजन से हुई मुलाकात

पीपी ने बेहद कम उम्र में मायानगरी का रुख किया. नब्बे के दशक में उसकी मुलाकात छोटा राजन से हुई. देखते ही देखते पीपी छोटा राजन का सबसे खास गुर्गा बन गया. जब छोटा राजन और दाऊद की दोस्ती टूटी तो पीपी को दाऊद को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी दी गई. पीपी दाऊद को मारने के लिए पाकिस्तान तक पहुंच गया था.

दाऊद बचा लेकिन पीपी का हो गया नाम

दाऊद को पीपी की खबर मिल गई.दाऊद बच गया.लेकिन इधर पीपी का नाम बड़ा हो गया.कद बढ़ा तो पीपी ने छोटा राजन का साथ भी छोड़ दिया. और फिर फिरौती, वसूली और हत्या जैसे अपराध इसके लिए आम बात हो गई. लेकिन पीपी उर्फ बंटी पांडे सुर्खियों में आया साल 2007 में 

शाहरुख से मांगी थी रंगदारी

2007 में शाहरुख़ खान की फिल्म ओम शांति ओम की बंपर कमाई के बाद रंगदारी के लिए फोन किया. एक सुपर स्टार से रंगदारी मांगने के बाद वो राष्ट्रीय मीडिया में तो चर्चित हुआ.. और ये नाम अंडरवर्ल्ड में स्थापित हो गया.

वियतनाम से कंट्रोल करता था अंडरवर्ल्ड

अपराध की दुनिया में उसका नाम तब और भी कुख्यात हो गया जब दिल्ली क्राइम ब्रांच के एसीपी राजबीर सिंह की उसने दिन दहाड़े हत्या की.  बंटी पांडे इसके बाद देश छोड़कर वियतनाम में बस गया. यहां वो कहने को तो मसालों का कारोबार करने लगा लेकिन वियतनाम में बैठकर मुंबई में अंडरवर्ल्ड को ऑपरेट करने लगा. लेकिन बंटी पांडे को तीन नवंबर 2010 के दिन वियतनाम के उसी गांव से दबोच लिया गया.

फरार हुआ, लेकिन फिर धरा गया

प्रकाश पांडे उर्फ बंटी पांडे उर्फ पीपी पर मुंबई पुलिस ने मकोका यानी ‘महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट’ के तहत मुक़दमा दर्ज किया. यह एक्ट महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1999 में संगठित अपराधों और अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधों पर लगाम कसने के लिए बनाया गया था. लेकिन 2007 में एक पेशी के दौरान पीपी फरार भी हुआ कुछ दिन बाद पीपी पकड़ा गया. लेकिन माना जाता है कि वो लगातार पुलिस की गिरफ्त से भागने  के लिए बेकरार रहा.

जेल से भूरा हो गया फरार

प्रकाश पांडेय जब देहरादून की सुद्धोवाला जेल में कैद था तो उसी बैरक में उसके साथ यूपी-उत्तराखण्ड के कुख्यात गैंगस्टर अमित मलिक उर्फ भूरा को भी रखा गया था. खबर आई की इसके कुछ ही दिन बाद भूरा जेल से फरार भी हो गया था.

क्या डॉन की कोई अगली चाल तो नहीं?

बंटी पांडे इसके बाद से जेल में ही बंद है लेकिन अब खबर आई है कि वो धर्म और आध्यात्म में लीन हो गया है और अब उसे श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर का उत्तराधिकारी बना दिया गया है. ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कहीं ये अंडरवर्ल्ड के कुख्यात डॉन की कोई अगली चाल तो नहीं.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news