कोवैक्सीन को भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मिलकर बनाया है. भारत में कोवैक्सीन के अलावा कोविशील्ड और स्पूतनिक वी वैक्सीन 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाई जा रही है.
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नई दिल्ली: भारत बायोटेक की Covaxin को विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) की मंजूरी दिलवाने के लिए विश्व स्वास्थ संगठन के साथ 23 जून को हुई प्री सबमिशन मीटिंग सफल रही है. इसके लिए कोवैक्सीन (Covaxin) को विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) की मान्यता दिलवाने के क्रम में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने 19 अप्रैल को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) डब्ल्यूएचओ के सामने सबमिट किया था, उसे इस वैश्विक संगठन ने स्वीकार कर लिया था और इसे लेकर 23 जून को प्री सबमिशन मीटिंग हुई थी, जो पूरी तरह से सफल रही. अब जुलाई में भारत बायोटेक के डेटा डोजियर का रीव्यू किया जाएगा, उसके बाद कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ का मंजूरी मिल सकती है.
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोवैक्सीन (Covaxin) भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन है. कोवैक्सीन को भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मिलकर बनाया है. भारत में कोवैक्सीन के अलावा कोविशील्ड और स्पूतनिक वी वैक्सीन 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाई जा रही है.
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का डेटा अभी तक पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त, पीयर-रिव्यू जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है. भारत बायोटेक ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि दवा नियामक को प्रस्तुत करने के बाद और लगभग तीन महीने की समय सीमा के भीतर इस डेटा का प्रकाशन होगा.
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