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सूरत: कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच गुजरात (Gujarat) से आई एक खबर बताती है कि किस तरह से कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) अपनी परवाह किए बिना लोगों की जान बचा रहे हैं. इन वॉरियर्स का इस वक्त केवल एक ही उद्देश्य है कोरोना पीड़ितों की मदद करना और उन्हें एक नई जिंदगी प्रदान करना. सूरत (Surat) की नैंसी आयजा मिस्त्री (Nancy Ayeza Mistry) भी कोरोना वॉरियर्स में से एक हैं, जो प्रेग्नेंट होने के बावजूद अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं.
हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA में न्यूज एजेंसी ANI के हवाले से छपी खबर के अनुसार, नर्स (Nurse) नैंसी चार महीने की गर्भवती (Pregnant) हैं और उन्होंने रमजान के पवित्र माह में रोजा भी रखा हुआ है. इसके बावजूद वह अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए COVID मरीजों का इलाज कर रही हैं. उनका कहना है कि इस वक्त उनके लिए सबसे जरूरी कुछ है, तो वह है मरीजों की जान बचाना.
नैंसी सूरत के अटल COVID केयर सेंटर में बिना थके मरीजों को देख रही हैं. प्रेग्नेंट होने और रोजा रखने के बाद भी वह दिन में 8 से 10 घंटे काम करती हैं. उनके सीनियर्स ने कई बार उन्हें आराम करने को सलाह दी है, लेकिन उनका कहना है कि ऐसे वक्त में वह अपने बारे में नहीं सोच सकतीं. न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं एक नर्स के रूप में अपना कर्तव्य निभा रही हूं. लोगों की सेवा करना मेरे लिए किसी प्रार्थना से कम नहीं है’.
इसी तरह सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) की डीएसपी शिल्पा साहू (Shilpa Sahu) का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है. शिल्पी पांच महीने की गर्भवती हैं, इसके बावजूद भी वह सड़क पर उतरकर कोरोना कर्फ्यू का पालन करवा रही हैं. बता दें कि साहू एंटी-नक्सल फोर्स ‘दंतेश्वरी फाइटर्स’ की लीडर हैं, प्रेग्नेंट होने के बाद वह अवकाश पर चल रही हैं, लेकिन जब कोरोना को नियंत्रित करने के लिए राज्य में कर्फ्यू लगाया गया, तो उन्होंने वॉरियर्स के रूप में मोर्चा संभाल लिया.