PM Modi Red Fort speech: गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर PM मोदी ने कहीं ये 10 बड़ी बातें
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PM Modi Red Fort speech: गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर PM मोदी ने कहीं ये 10 बड़ी बातें

400th Prakash Parv: पीएम मोदी ने गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर लाल किले से देश को संबोधित किया. आइये आपको बताते हैं कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने क्या 10 बड़ी बातें कहीं.

PM Modi Red Fort speech: गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर PM मोदी ने कहीं ये 10 बड़ी बातें

Guru Tegh Bahadur 400th Prakash Parv: गुरु तेगबहादुर साहब के 400वें प्रकाश पर्व पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पूरे देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इस भव्य आयोजन में मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूं. अभी शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली, वो शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है. आज मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और सिक्के के विमोचन का भी सौभाग्य मिला है. मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं. आइये आपको बताते हैं कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने क्या 10 बड़ी बातें कहीं.

1. 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था. मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है. इस पुण्य अवसर पर सभी दस गुरुओं के चरणों में नमन करता हूं. आप सभी को, सभी देशवासियों को और पूरी दुनिया में गुरुवाणी में आस्था रखने वाले सभी लोगों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं.

2. ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है. इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है. आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है. इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहूत विशेष हो गया है.

3. सैकड़ों काल की गुलामी से मुक्ति को, भारत की आजादी को, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता. इसलिए आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है.

4. गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है. ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था. उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी. धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी.

5. गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेग बहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुये. पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन होते हैं.

6. पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया. सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है.

7. श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं. इसलिए, जब अफग़ानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है.

8. भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया. आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं. हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं.

9. नई सोच, सतत परिश्रम और शत-प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है. आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है. हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है.

10. हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसका सामर्थ्य दुनिया देखे, जो दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाये. देश का विकास और तेज प्रगति हम सबका कर्तव्य है. इसके लिए सबके प्रयास की जरूरत है. मुझे पूरा भरोसा है कि गुरुओं के आशीर्वाद से भारत अपने गौरव के शिखर पर पहुंचेगा. जब हम आजादी के 100 साल मनाएंगे, तो एक नया भारत हमारे सामने होगा.

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