Rahul Gandhi Article: राहुल गांधी ने अपने लेख में कहा कि यह कहना कि हिंदू धर्म केवल कुछ सांस्कृतिक मान्यताओं तक सीमित है, उसका अल्प पाठ होगा. किसी राष्ट्र या भूभाग विशेष से बांधना भी उसकी अवमानना है.
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Rahul Gandhi On Hindus: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हिंदू (Hindu) धर्म पर आर्टिकल लिखा है. राहुल गांधी ने किसी भूभाग से बांधने को हिंदू धर्म की अवमानना बताया. राहुल ने लिखा कि हिंदू समस्त जगत को अंगीकार करता है. हिंदू धर्म कुछ मान्यताओं तक सीमित नहीं है. सच को स्वीकार करने का मार्ग हिंदू धर्म है. हिंदू पर डर हावी नहीं होता हैं. राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सत्यम् शिवम् सुंदरम्. एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, क्योंकि वह जानता है कि जीवन रूपी इस महासागर में हम सब डूब-उतर रहे हैं. निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही उसका धर्म है.
सत्यम् शिवम् सुंदरम्
एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, क्योंकि वह जानता है कि जीवनरूपी इस महासागर में हम सब डूब-उतर रहे हैं।
निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही उसका धर्म है। pic.twitter.com/al653Y5CVN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 1, 2023
हिंदू धर्म पर राहुल गांधी के विचार
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हिंदू धर्म पर अपने विचार रखे हैं. राहुल लिखते हैं कि हर प्रकार के पूर्वाग्रह व भय से मुक्ति पा सत्य के समुंदर में समा जाना ही असली हिंदू धर्म है. सत्य और अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है. वे लिखते हैं कि निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही हिंदू का धर्म है. राहुल कहते हैं कि हिंदू धर्म को कुछ मान्यताओं तक सीमित नहीं रखा जा सकता, न ही उसके किसी 'राष्ट्र' या भौगोलिक दायरे तक बांधा जा सकता है.
कौन है हिंदू?
राहुल गांधी ने ये भी लिखा कि कल्पना कीजिए, जिंदगी प्रेम और उल्लास का, भूख और भय का एक महासागर है; और हम सब उसमें तैर रहे हैं. इसकी खूबसूरत और भयावह, शक्तिशाली और सतत परिवर्तनशील लहरों के बीचोंबीच हम जीने का प्रयत्न करते हैं. इस महासागर में जहां प्रेम, उल्लास और अथाह आनंद है, वहीं भय भी है. मृत्यु का भय, भूख का भय, दुखों का भय, लाभ-हानि का भय, भीड़ में खो जाने और असफल रह जाने का भय. इस महासागर में सामूहिक और निरंतर यात्रा का नाम जीवन है जिसकी भयावह गहराइयों में हम सब तैरते हैं. भयावह इसलिए, क्योंकि इस महासागर से आज तक न तो कोई बच पाया है, न ही बच पाएगा. जिस व्यक्ति में अपने भय की तह में जाकर इस महासागर को सत्यनिष्ठा से देखने का साहस है- हिंदू वही है. यह कहना कि हिंदू धर्म केवल कुछ सांस्कृतिक मान्यताओं तक सीमित है उसका अल्प पाठ होगा.
असहाय पुकारों को सुनना है धर्म
कांग्रेस सासंद राहुल गांधी ने लिखा कि एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, क्योंकि वह जानता है कि जीवनरूपी इस महासागर में हम सब डूब-उतर रहे हैं. अस्तित्व के लिए संघर्षरत सभी प्राणियों की रक्षा वह आगे बढ़कर करता है. सबसे निर्बल चिंताओं और बेआवाज चीखों के प्रति भी वह सचेत रहता है. निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही उसका धर्म है. सत्य और अहिंसा की शक्ति से संसार की सबसे असहाय पुकारों को सुनना और उनका समाधान ढूंढना ही उसका धर्म है.