Hydrogen Trains: अगले साल भारत में चलेगी ऐसी ट्रेन जो सिर्फ जर्मनी के पास है, रेल मंत्री का बड़ा ऐलान
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Hydrogen Trains: अगले साल भारत में चलेगी ऐसी ट्रेन जो सिर्फ जर्मनी के पास है, रेल मंत्री का बड़ा ऐलान

Railway News: अब तक सिर्फ जर्मनी ने ही हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का निर्माण किया है. इसी साल जर्मनी ने हाइड्रोजन से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों की पहली खेप लॉन्च की है. फ्रेंच कंपनी आल्सटॉम ने 92 मिलियन डॉलर की लागत से 14 ट्रेनों का निर्माण किया है.

Hydrogen Trains: अगले साल भारत में चलेगी ऐसी ट्रेन जो सिर्फ जर्मनी के पास है, रेल मंत्री का बड़ा ऐलान

Indian Railways: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि भारत हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें बना रहा है और यह साल 2023 तक तैयार हो जाएंगी. ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित SOA यूनिवर्सिटी में वैष्णव ने कहा कि गतिशक्ति टर्मिनल्स पॉलिसी के तहत रेल नेटवर्क के जरिए भारतीय रेलवे दूरस्थ इलाकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. यह काम तेज रफ्तार से चल रहा है.

रेल मंत्री ने कहा, 'स्वदेशी तकनीक के जरिए भारत में ही हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया गया और ये ट्रेनें पिछले दो साल से बिना किसी बड़ी खराबी के चल रही हैं.' उन्होंने कहा कि ऐसी ही और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें आईसीएफ में बनाई जा रही हैं और जल्द ही इनको सेवा में लाया जाएगा. हाल ही में वंदे भारत ट्रेन को रेलवे सेफ्टी कमिश्नर से ग्रीन सिग्नल मिला था.

अब तक जर्मनी ने ही किया है निर्माण

अब तक सिर्फ जर्मनी ने ही हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का निर्माण किया है. इसी साल जर्मनी ने हाइड्रोजन से चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों की पहली खेप लॉन्च की है. फ्रेंच कंपनी आल्सटॉम ने 92 मिलियन डॉलर की लागत से 14 ट्रेनों का निर्माण किया है.

इससे पहले ट्रेन और ट्रैक मैनेजमेंट के बारे में मंत्री ने कहा था, 'हमारा फोकस सिर्फ ट्रेन बनाने पर ही नहीं है. हम ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम पर भी काम कर रहे हैं ताकि सेमी हाई स्पीड ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस के ट्रायल रन में हमने दिखाया था कि 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही ट्रेन में पानी से भरा ग्लास रखा था और वह जरा भी नहीं हिला लेकिन इसने दुनिया को हैरान कर दिया.'

72 वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन होगा शुरू

वैष्णव ने यह भी बताया कि वंदे भारत के सफल ट्रायल रन के बाद अब बाकी 72 ट्रेनों का उत्पादन शुरू होगा.उन्होंने कहा, 'तीसरी वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. यह 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड 52 सेकंड में पकड़ लेगी. जबकि बुलेट ट्रेन 55 सेकंड में यह रफ्तार पकड़ती है. पहली पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें 54.6 सेकंड में 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ सकती हैं.' फिलहाल दो वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही हैं, जिनमें से एक नई दिल्ली से वाराणसी और दूसरी नई दिल्ली से वैष्णो देवी तक जाती है.  

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